चित्रकूट। विश्व प्रसिद्ध पौराणिक तीर्थ चित्रकूट में गंगा दशहरा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। देश भर से चित्रकूट के रामघाट में पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने माता सती अनुसूईया के तपोबल से अवतरित हुई पतित पावनी मंदाकिनी (गंगा) नदी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद मनोकामनाओं के पूरक भगवान श्री कामतानाथ के दर्शन पूजन कर कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा रहे हैं।
भरत मंदिर चित्रकूट के महंत दिव्य जीवन दास महाराज ने गंगा दशहरा पर्व के महत्व को बताते हुए कहा कि गंगा अवतरण दिवस को भारत में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि आज के दिन ही मां गंगा देवलोक से धरती पर अवतरित हुई थी। आज के दिन देवी गंगा की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। चित्रकूट की मंदाकिनी गंगा में भी देश भर से आए लाखों श्रद्धालु सुबह तड़के ही आस्था की डुबकी लगा पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल दास महाराज एवं कामतानाथ मंदिर के पुजारी भरत शरण दास महाराज का कहना है कि चित्रकूट भगवान श्रीराम की संकल्पभूमि के साथ-साथ अत्रि आदि अनेकों ऋषि—मुनियों की तपोभूमि रही है। ऋषि-मुनियों की प्यास को बुझाने के लिए माता सती अनुसुइया के तपोबल से चित्रकूट में मंदाकिनी गंगा का अवतरण हुआ था। गंगा दशहरा के दिन लाखों श्रद्धालुओं चित्रकूट पहुंच पतित पावनी मां मंदाकिनी में स्नान करने के बाद भगवान श्री कामतानाथ जी का दर्शन पूजन करते हैं। जिससे उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
गंगा दशहरा पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के चित्रकूट आने की संभावना के चलते जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह द्वारा मेला परिक्षेत्र ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रामघाट ने मंदाकिनी स्नान के दौरान किसी श्रद्धालु की डूबने से मौत आदि की घटनाएं न हो, इसके लिए गोताखोरों की तैनाती की गई है। भीषण गर्मी को देखते हुए मेला क्षेत्र में पेयजल आदि के साथ अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं।