सेवानिवृत्त की बावजूद भी बाबू को नहीं छोड़ रहें कुर्सी वन क्षेत्राधिकारी तिलोई कार्यालय का मामला
अमेठी। जिले के तिलोई वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय में सेवानिवृत्त होने के बावजूद बाबू वर्तमान में भी वन क्षेत्राधिकारी जहीर मिर्जा के रहमो-करम पर अवैध कमाई के चलते जमें हुए हैं बताया जाता है कि यह वन कर्मी कोई और नहीं मृदुल श्रीवास्तव हैं जों वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय में बाबू का कार्यभार देख रहे थे वे अक्टूबर 2023 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं और वन विभाग में वृक्षारोपण कार्य में लाखों रूपए की कमीशनखोरी के बल पर अभी भी जमें हुए हैं आमदनी इतनी हैं कि बाबूजी अपनी कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते कुर्सी से चिपके हुए हैं वन विभाग के जानकार सूत्रों का कहना है कि मृदुल कुमार श्रीवास्तव को वन क्षेत्राधिकारी जहीर मिर्जा का वरदहस्त प्राप्त है,इनको वृक्षारोपण कार्य, गड्ढा खुदाई,गोबर खाद, जिप्सम सहित कई मद में भरपूर कमीशन मिलता है इसके अलावा हरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटान में में कमीशन मिलता है इनके अलावा राम राज यादव जो कि इन्हौना,टिकरी ,बीट के प्रभारी भी तिलोई वन रेंज में चर्चा का विषय बनें हुए हैं इनको वन विभाग ने जहां की जिम्मेदारी सौंपी है उसी कार्यक्षेत्र में उनका जन्म स्थान है
बताया जाता है कि ब्लाक सिंहपुर अन्तर्गत रतवलिया मंझार गांव सभा इनका मकान हैं ये दस वर्षों से अधिक से इसी क्षेत्र में जमें हुए हैं इनकी लकड़ी माफियाओं से गहरी सांठगांठ है क्षेत्रीय होने के नाते सरकारी जंगलों की लकड़ियों के सफाये में भी इनकी संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता टिकरी, इन्हौना,मेहमानपुर सराय माधव आदि कार्यक्षेत्र में एक नहीं तमाम प्रतिबंधित पेड़ों का सफाया होना बीट प्रभारी की संलिप्तता की ओर इशारा करता है जानकार सूत्रों का कहना है कि अगर रिटायर बाबू और टिकरी बीट के प्रभारी को उक्त क्षेत्र से नहीं हटाया गया गैर जनपद स्थांतरित नहीं किया गया तो हरियाली की शामत नहीं रूक पायेगी। हरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटान पर गौर करें तो हर माह एक नहीं सैकड़ों पेड़ों की कटान होती रहती है और शिकायत होने पर मामूली जुर्माना लगाकर मामले में इतिश्री कर ली जाती है जब जिले के डीएफओ और रेंजर से शिकायत होती है तो जुर्माने की रसीद दिखा दी जाती है।