उन्नाव। बीघापुर तहसील मुख्यालय में मंगलवार को एक बार फिर वकीलों और तहसीलदार में नोकझोक हुई। अधिवक्ता इस बात को लेकर नाराज थे कि उन्नाव या अन्य तहसीलों से आने वाले वकीलों के वादों में मुकदमा तारीख उनके निर्धारित दिवस पर नहीं लगाई जा रही है।
दूसरी तहसीलों में नियमित और बीघापुर तहसील में साप्ताहिक दिवस में आकर प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं की संख्या अधिक है। उनके वादों की तारीख अन्य दिवस में लगाए जाने पर तहसील की सभी बार एसोसिएशन के अधिवक्ता एक साथ आ गए। स्थानीय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष केपी सिंह, विनय कुमार शुक्ला व अरविंद सिंह की अगुवाई में काफी अधिवक्ता तहसीलदार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए पहले तहसीलदार कोर्ट पहुंचे।
तहसीलदार अरसला नाज के बुलाने पर जब अधिवक्ता उनके कार्यालय पहुंचे तो नारेबाजी को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई, इस पर वकीलों और उनके बीच करीब 15 मिनट तक बहस हुई। बाद में तहसीलदार ने दूसरी तहसील से आने वाले अधिवक्ताओं की सूची देने के लिए कहा, तब मामला शांत हुआ। बार एसोसिएशन अध्यक्ष केपी सिंह ने बताया कि पिछले काफी समय से तहसील में एक नई परिपाटी प्रचलित कर दी गई है। इसमें विभिन्न प्रकार के मुकदमों की पैरवी किए जाने के बावजूद निर्णय व निर्णय पर अमल किए जाने के लिए अधिवक्ताओं को वसूली का माध्यम बनने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
जबकि वकालतनामा लगने के बाद निर्णीत होने वाले कई प्रकार के मामले तहसील कर्मी ठेके पर निपटाकर अधिवक्ताओं का नुकसान कर रहे हैं। स्थानीय तीनों बार के अध्यक्षों ने इस मामले में हस्तक्षेप किए जाने की डीएम से मांग की और सुधार न होने पर संघर्ष की बात कही।