नई दिल्ली। एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में राज्यमंत्री बनाए गए कीर्तिवर्धन सिंह गोंडा लोकसभा सीट से पांचवीं बार सांसद बने हैं। विज्ञान परास्नातक कीर्तिवर्धन सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1998 में सपा से की थी। वह भाजपा प्रत्याशी बृजभूषण शरण सिंह को हराकर पहली बार सांसद बने।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए और तब से अब तक सभी चुनाव में जीत हासिल की। सपा की श्रेया वर्मा को हराकर उन्होंने जीत की हैट ट्रिक लगाई है। कीर्तिवर्धन सिंह के पिता भी गोंडा लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे हैं। पैरा ग्लाइडिंग के शौकीन कीर्तिवर्धन सिंह सरलता व सज्जनता के लिए जाने जाते हैं।
लोकसभा चुनाव में यूपी से अपेक्षा के अनुरूप परिणाम न मिलने के बावजूद मोदी सरकार 3.0 में भी यूपी को पूरा सम्मान मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद केंद्रीय कैबिनेट में राजनाथ सिंह का शीर्ष दर्जा कायम है। राज्यसभा सदस्य हरदीप सिंह पुरी को कैबिनेट मंत्री और रालोद प्रमुख जयन्त चौधरी को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का दर्जा दिया गया है।
10 सांसद बनाए गए मंत्री
सात राज्यमंत्री भी प्रदेश को हासिल हुए हैं। मोदी सरकार 2.0 के मुकाबले यूपी का प्रतिनिधित्व संख्या के लिहाज से भले ही कुछ कम लग रहा हो लेकिन एनडीए सांसदों की कुल संख्या की दृष्टि से इनका प्रतिशत पिछली बार से बढ़ा है। वर्ष 2019 में यूपी से एनडीए को 64 सीटें हासिल हुई थीं, जबकि इस बार महज 36 सीटें मिलने पर भी 10 सांसद मंत्री बनाए गए हैं।
क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों का रखा गया ध्यान
यूपी के क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। मोदी सरकार 3.0 में लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह और राज्यसभा सदस्य हरदीप सिंह पुरी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है, जबकि रालोद के जयंत चौधरी (राज्यसभा सदस्य) को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का दायित्व सौंपा गया है।
वहीं, राज्यमंत्रियों में महराजगंज से सांसद पंकज चौधरी, पीलीभीत से सांसद जितिन प्रसाद, आगरा से सांसद एसपी सिंह बघेल, गोंडा से सांसद कीर्तिवर्धन सिंह, बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान और मीरजापुर से लगातार तीसरा चुनाव जीतने वाली अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल शामिल हैं।