-हवा में 24 फीसदी अधिक कार्बन मोनोआक्साइड घोल रहे 30 लाख वाहन
मडियांव लखनऊ- शहर के बढ़ते तापमान का बड़ा कारण सड़को पर दौड़ने वाले दो पहिया और चार पहिया गाड़ियों का धुआं भी है। राजधानी लखनऊ की सड़कों पर 30 लाख से अधिक वाहन दौड़ रहे हैं। इन वाहनों में सालाना खपत होने वाला लगभग 4 लाख लीटर से अधिक ईंधन कार्बन उत्सर्जन कर हवा में जहर घोलने के साथ गर्मी बढ़ा रहा है।जानकारों की माने तो शहर में हरियाली बढ़ाकर व कार्बन उत्सर्जन घटाकर बढ़ती गर्मी और प्रदूषण की समस्या से बचा जा सकता है। उनका दावा है कि हरियाली वाले क्षेत्रों में तापमान का स्तर दो से तीन डिग्री तक कम रहता है।
जानकारों ने बताया कि लखनऊ में अलग-अलग ग्रीन बेल्ट में पारा हर दिन दो से तीन डिग्री तक कम रहता है। उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में हरियाली है, वहां एयर क्वालिटी इंडेक्स काफी बेहतर स्तर पर है। किंतु ट्रैफिक बाहुल्य इलाकों में कार्बन उत्सर्जन की वजह से गर्मी तो बढ़ ही रही है, हवा जहरीली होने से सांस संबंधी बीमारियां भी बढ़ रही हैं। वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सर्जन घटाने में राजधानी में सड़क पर दौड़ती स्कूटी से निकलता जहरीला धुआं। साल दर साल बढ़ रहे वाहनों से खतरा बढ़ रहा है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक लखनऊ में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की संख्या प्रति वर्ष बढ़ने से भयावह नतीजे होने की आशंका बनी हुई हैं। लेकिन यहां शासन प्रशासन के पास इस दिशा में कोई ठोस प्लान नही है। कार्बन को अवशोषित कर हवा को साफ बनाने के लिए बरगद पीपल, नीम और जामुन जैसे पेड़ों को लगाना होगा।