पंचायत सचिवालय ही विकास की आस में
सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था ताले के भरोसे
तालाब सूखे और गंदगी की हाल में बदहाली को रो रहे
मनरेगा में महीनों से श्रमिकों की उपस्थिति बाद भी कार्य हो गया खेला
अखिर जिम्मेदार अधिकारी क्यो नही करते कार्यवाही, क्या कमीशन का खेल हैं जारी?
नानपारा बहराइच- विकास खण्ड बलहा के सरैया सरयू नदी के करीब बसा ग्रामपंचायत मात्र कमाई का जरिया जिम्मेदारो के लिए बन गया हैं। विकास के नाम पर सरकारी धन मोटी रकम खर्च हो गए लेकिन ग्राम पंचायत का भवन ही विकास से अक्षुता रहा। भ्रष्टाचार के भेंट सरकारी रुपये चढ़ गया ग्राम पंचायत सचिवालय में समरसेबल पानी का मोटर की व्यवस्था एवं विद्युत की व्यवस्था न होना, कम्प्यूटर, पंखा आदि आवश्यक व्यवस्था न होना शर्मनाक स्थिति को दर्शाता है जबकि ग्राम पंचायत को विकसित करने के लिए सरकारी धन खर्च हो गया। ग्राम पंचायत में बने पंचायत भवन में पंचायत सहायक अपनी ड्यूटी तो करती हैं। ग्राम पंचायत सचिवालय में ग्राम पंचायत सचिव कभी नही आते है जबकि सरकार के निर्देशों को देखा जाए तो रोस्टर बनाकर ग्राम पंचायतों में रहने के निर्देश पंचायत सचिव को दिए गए है। मूलभूत सुविधाओं के लिए व्यवस्था उपलब्ध नहीं है पंचायत भवन का कार्य ग्राम पंचायत के लिए कैसे संचालित होगा क्योंकि विद्युत व्यवस्था के बिना कंप्यूटर का चलना इंटरनेट का चलना मुश्किल है और सौर ऊर्जा व इन्वर्टर की व्यवस्था नही है। ग्राम पंचायत में टूटी खिड़कियों टूटे टाइल्स भयानक गर्मी में पंखा का ना होना एवं विद्युत व्यवस्था बहाल न होना प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है ग्राम पंचायत में बने तालाब की यदि बात की जाए तो तालाब की दुर्दशा है सूखे पड़े तालाब विकास की आस में अपने गोद को सुखा चुके है। गंदगी से भरपूर तालाब स्वच्छता की आस लिए दिख रहा है ग्राम पंचायत में बने सरकारी विद्यालयों पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं है ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय मात्र भवन के रूप में बनकर रह गया सामुदायिक शौचालय में हमेशा ताला बंद रहना और बड़ी-बड़ी घास लगे रहना दर्शाता है कि सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था सुचारू रूप से बहस नहीं है ग्राम पंचायत के रास्तों की यदि बात की जाए तो जो मार्ग अभी नवनिर्मित हो और उन्हें मार्ग की इंटरलॉकिंग के पास ही मुख्य मार्ग पर रास्ता खराब होना और पानी का बहना कीचड़ होना रास्ते को बंद होने जैसी हालात बनाता है।
ग्राम पंचायत में मनरेगा से हो रहे कार्यों में बड़ी धांधली की जा रही है ग्राम पंचायत में मनरेगा में चल रहे कार्यों पर जब देखा गया तो एक भी मजदूर कार्य करते नहीं मिले जबकि श्रमिकों की उपस्थिति सौ से अधिक श्रमिकों की उपस्थिति लगातार महीनों से चल रही है मनरेगा में इधर-उधर की फोटो खींचने खेल करके सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है जिसने ग्राम रोजगार सेवक ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सचिव सहित अन्य जिम्मेदारों की भी भूमिका संदिग्ध सी नजर आ रही है जिसमें स्पष्ट है कि निगरानी करने वाले अधिकारी जो लाखों की पगार लेते हैं वह भी अपनी आंखें इस भ्रष्टाचार को अनदेखा करने के लिए बंद किए हुए हैं ग्राम पंचायत के कुछ लोगों ने दबी आवाज में नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यदि ग्राम पंचायत में खर्च हुए रुपए की गहनता से जांच निष्पक्षता के साथ कराई जाए तो करोड़ों रुपए के घोटाले की बात सामने आना निश्चित ही है