दुबई। ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को शिया दरगाह में गुरुवार को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में विदेश मंत्री तथा छह अन्य लोगों के साथ मृत्यु हो गई थी।
रईसी को मशहद स्थित इमाम रजा दरगाह के अंदर एक कब्र में दफनाया गया। इस दरगाह में शिया समुदाय के आठवें इमाम दफन हैं। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और उन्होंने काले कपड़े पहने हुए थे। उनके जनाजे में हालांकि उतनी भीड़ शामिल नहीं हुई, जितनी 2020 में बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद के जनाजे में थी।
इसके पीछे रईसी को लेकर लोगों की भावनाएं एक संभावित संकेत हो सकती हैं। रईसी सरकार ने 2022 में महसा अमीनी की मौत को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान सख्त कार्रवाई की थी, जिसे लेकर लोगों में गुस्सा था। अमीनी को ईरान की महिलाओं के लिए अनिवार्य हिजाब कथित तौर पर नहीं पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था।
इस कार्रवाई के साथ-साथ ईरान की संघर्षरत अर्थव्यवस्था का सरकारी टेलीविजन और समाचार पत्रों की कवरेज में कोई उल्लेख नहीं किया गया। इतना ही नहीं ईरान-इराक युद्ध के अंत में करीब पांच हजार असंतुष्ट लोगों की सामूहिक हत्या में रईसी के शामिल होने पर भी कभी चर्चा नहीं की गई।