हमीरपुर : गुरुवार को डकैती कोर्ट में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में एक युवक को सात वर्ष की सजा व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि फतेहपुर के थाना हुसैनगंज के असनी गांव निवासी छोटेलाल ने सुमेरपुर थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसने अपनी भतीजी रीता पुत्री रमेशचंद्र की शादी 1998 में कस्बा भरुआ सुमेरपुर के धर्मेश्वर बाबा मुहल्ला निवासी राजेश उर्फ राजू पुत्र गयाप्रसाद के साथ की थी। शादी के कुछ दिन बाद से उसकी भतीजी को सास सुमित्रा, ससुर गयाचरन, पति राजेश उर्फ राजू व देवर रामप्रताप दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे। जिसके बारे में उसने कई बार घर में बताया। दहेज की मांग को लेकर कई बार विवाद हुआ और समझौता हुआ। शादी के पांच वर्षों के अंतराल में रीता के दो बच्चे भी हो गए। बीती 6 जून 2009 को रीता की ससुराल में आग लग गई। जिससे वह झुलस गई और आठ जून को उसकी मौत हो गई। जिस पर उसने थाना सुमेरपुर में सास, ससुर, पति व देवर के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने जांच के बाद पति राजेश उर्फ राजू व सा सुमित्रा के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की। गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावी क्षेत्र) अनिल कुमार खरवार ने दोषी को सात वर्ष की कठोर सजा व पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया है।