बरेली। मोहब्बत में हर बंधन टूट जाते हैं। एक-दूजे की चाहत रखने वाले मंजिल हासिल कर ही लेते हैं। बिहार की शमा परवीन व बलिया के शिवम वर्मा की कहानी ऐसी ही है। एक-दूजे के होने का फैसला किया तो घर छोड़ दिया। बरेली में राह मिली तो सात फेरे लेकर दोनों एक-दूजे के हो गए। शमा की नई पहचान अब पूनम है।
दोस्त की शादी में मिले थे दोनाें
बिहार के जगदीशपुर औरंगाबाद स्थित काजीचक गांव निवासी शमा परवीन हाईस्कूल पास हैं। बलिया शहर स्थित राजेंद्रनगर निवासी शिवम वर्मा आठवीं पास हैं। वह सर्राफ के यहां कारीगरी का काम करते हैं। शिवम के अनुसार, एक साल पहले बक्सर में एक दोस्त की शादी थी। उसी विवाह समारोह में शमा परवीन से मुलाकात हुई। दोनों में बातचीत शुरू हो गई और प्रेम-प्रसंग परवान चढ़ा। एक-दूजे का होने का फैसला कर लिया।
घरवालों ने किया विरोध
शमा के घर वालों को दोनों की कहानी पता चली तो विरोध किया। शिवम का होने का फैसला कर चुकीं शमा ने घर छोड़ दिया। दोनों कई दिनों तक भटकते रहे। इस बीच किसी ने बरेली के मढ़ीनाथ स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम के आचार्य पंडित केके शंखधार के बारे में बताया। कहा कि वह तुम दोनों का विवाह करा सकते हैं। दोनों पता पूछते हुए मढ़ीनाथ स्थित आश्रम पहुुंचे।
शमा का नया नाम पूनम
केके शंखधार ने अधिवक्ता के जरिये दोनों के सभी प्रपत्र चेक कराए। कागजात सही होने पर उन्होंने विवाह कराने के लिए हामी भरी। इसी के बाद आचार्य ने गंगाजल से शमा का शुद्धीकरण कराया, फिर विवाह की रस्म पूरी कराई।
विवाह के बाद शमा ने अपना नया नाम पूनम रखा। कहा कि मुगल आक्रांताओं के आतंक के कारण मेरे पूर्वज इस्लाम धर्म के अनुयायी बन गए थे। किंतु मेरा विश्वास व आस्था सनातन हिंदू धर्म में है। हिंदू देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करता हूं। इस्लाम धर्म में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है। तीन तलाक व हलाला जैसी कुप्रथाएं प्रचलित हैं। स्वेच्छा से घर वापसी कर सनातन धर्म ग्रहण किया है।