डेढ़ साल पहले 20 प्रकार की दवाएं आयी थी आयुष विंग में
उन्नाव । स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और ऐलोपैथिक से इतर देसी पद्धति (होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक व यूनानी) आयुष को बढ़ावा देने की कवायद धड़ाम हो गई है। आयुष विंग में पिछले डेढ़ साल से अधिकांश दवाएं नहीं हैं। ऐसे में आयुष विंग में परामर्श तो मिलता है, लेकिन दवा नहीं मिल पाती। पुरवा स्थित सीएचसी में डेढ़ साल से आयुर्वेद दवाओं की कमी है। इससे मरीज, इलाज में आयुर्वेदिक दवाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित आयुष विंग को खुद दवाओं की दरकार है। इससे एक लाख 67 हजार आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। डेढ़ साल पहले 20 प्रकार की दवाएं आयुष विंग में आई थी। इसके बाद अभी तक एक बार भी दवाएं नहीं मिल सकी। कई बार सीएचसी प्रभारी ने बताया कि मांग की गई, लेकिन अभी दवाएं नहीं उपलब्ध हो सकीं हैं।
सीएचसी के आयुष विंग पहुंचीं मरीज ममता, रेनू, पूजा, सन्नो, शलिनी ने बताया कि पहले आयुर्वेदिक दवाएं पर्याप्त मिलती थीं, लेकिन अब नहीं मिल पा रही हैं। यह दवाएं शरीर में नुकसान नही पहुंचाती हैं और लाभ भी मिलता है।
डेढ़ साल पहले आई थीं ये दवाएं
त्वचा के लिए गंधक रसायन, सूजन और गांठ के लिए आरोग्य वर्धिनी वटी, पेट दर्द के लिए अविपत्तिकर चूर्ण बवासीर के लिए अर्शकुठार रस,खून बढ़ाने के लिए, लोहासव, मनोरोग के लिए सर्पगंधा वटी, बुखार की गोदंती मिश्रण, ताकत के लिए अश्वगंधा आदि
रोजाना औसतन 50 आयुष विंग में दवाएं लेने पहुंचती है। किसी प्रकार से उन्हें दवाएं देकर काम चलाया जा रहा है। – डाॅ. रजनी, आयुष चिकित्सक
कई बार दवाओं के लिए मांग पत्र भेजा गया है, लेकिन अभी तक दवाएं नहीं उपलब्ध हो सकी हैं। – डाॅ. दिनेश कुमार, सीएचसी प्रभारी