अयोध्या। बस में 26 अप्रैल को पकड़े गए 95 बच्चों की तस्करी की जा रही थी। यूपी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा.शुचिता चतुर्वेदी और अयोध्या बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी की जांच में यह बात सामने आई है। यह रिपोर्ट यूपी राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा.देवेंद्र शर्मा को सौंपी गई है।
अध्यक्ष ने मुख्य सचिव को बाल तस्करी करने वालों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराने और मदरसा दारुल उलूम रफीकिया तथा जामिया दर-ए-अरकम खैरा मुगल सहारनपुर की मान्यता की जांच करने के लिए पत्र लिखा है। इस कार्रवाई की सूचना आयोग को एक सप्ताह के अंदर भेजने को भी कहा है। बरामद बच्चों को लखनऊ के राजकीय बालगृह में रखा गया है।
मुस्लिम समुदाय के 95 बच्चों को पुलिस ने पकड़ा था
अयोध्या में संदिग्ध परिस्थितियों में ले जाए जा रहे मुस्लिम समुदाय के 95 बच्चों को पुलिस ने पकड़ा था। इन बच्चों को एक मौलवी अपने साथ बिहार से सहारनपुर ले जा रहा था। सभी बच्चों की आयु चार से 12 वर्ष के बीच है। पूरे मामले की जांच रिपोर्ट में डा.शुचिता चतुर्वेदी ने बच्चों के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को लेकर जाने वाले लोगों के पास किसी बच्चे के अभिभावक का सहमति पत्र या मदरसे का अधिकृत पत्र नहीं मिला है। इससे संदेह की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
बच्चों से साफ करवाए जाते थे टॉयलेट
इतना ही नहीं, समिति के समक्ष पेश बच्चों ने बताया कि मदरसे में ईंटें ढुलवाई जाती है और शौचालय साफ कराया जाता है। एक नाजिम की तरफ से उनसे आपत्तिजनक शपथपत्र पर हस्ताक्षर कराया जाता था। एक रोटी और आधी रोटी मिलने का विरोध करने पर पिटाई की जाती है। अभिभावकों से शिकायत करने से रोका गया है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने एसएसपी को एक पत्र भेजकर संबंधित थाने में सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने को कहा है।