हमीरपुर : बुन्देलखण्ड में प्रसिद्ध मुस्करा के जवारे की शोभायात्रा धूमधाम से गाजे बाजे के साथ निकाली गई। इस दौरान लाखों की भीड़ मौजूद रही। कालिका देवी मंदिर में जवारो का विसर्जन हुआ। साथ ही एक सप्ताह तक चलने वाला मेला भी शुरू हो गया।
कस्बा मुस्करा में 74 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन जवारे निकलने की परम्परा की शुरुवात हुई थी। इसी क्रम में मंगलवार के दिन जवारा की शोभायात्रा दिन दो बजे कस्बा के विश्राम कुशवाहा व अमृतलाल दाऊ के दिवालो से प्रारम्भ हुई जिसने आगे चलकर बड़ा रूप ले लिया। यहाँ से हाथी, धोड़े, बैंड बाजे, डी जे, स्कूली झांकिया आदि शामिल होकर पूरे दमखम के साथ पुरवा मुहाल की अथाई से होते हुए पंचायतघर के रास्ते शीतला देवी मंदिर में पहुंचा। जहां पान बतासा चढ़ाते हुए चार थोक मुहाल में बड़ा दिवाला रामजानकी मंदिर में माथा टेककर गुदरिया बाबा में झंडा भेंटकर भक्तो को सांग धारण कराई गई। यहाँ पर सैकड़ो की संख्या में भक्तो ने सांगे धारण की। इस दौरान देवी भक्त अचरी व भजन का आनंद लेते रहे। जवारा शोभायात्रा में एक सैकड़ा से अधिक धोड़े, ऊंट, बहरूपिया पार्टियां, विद्यालयों की झांकिया आदि साथ रही। भीड़ को संभालने में पुलिस बल व स्थानीय स्वयंसेवको को काफी मशक्कत करनी पड़ी। प्रभारी निरीक्षक शशि पांडेय ने बताया कि एक प्लाटून पीएसी बल, दमकल वाहन, डाक्टरों की टीम के साथ क्षेत्रीय थानों से भारी संख्या में पुलिस बल शोभायात्रा को संपन्न कराने के लिए जगह जगह पर मुस्तैद रहा। सांग धारण किये एक सैकड़ा से अधिक भक्त एक कुंतल से अधिक भारी सांगो को लेकर घूमते हुए चक्कर लगाकर मां जालपा देवी मंदिर में मत्था टेककर अंत में कालिका देवी के मंदिर में शोभायात्रा का समापन हुआ। सैकड़ो की संख्या में महिलाओं ने अपने सिर के ऊपर खप्पर में जवारा रखकर मंदिर में विसर्जन किया।