बीएसए की बड़ी कार्रवाई से शिक्षा महकमे में हड़कंप
बलिया। शासन के कड़े निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग शिक्षा के स्तर को सुधारने में जुटा हुआ है। भीषण गर्मी के बावजूद शिक्षक, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों की उपस्थिति तथा शिक्षण कार्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने 132 शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों के खिलाफ ‘नो वर्क, नो पे’ के तहत शनिवार को कार्रवाई की है। साथ ही विद्यालय अवधि में अनुपस्थित मिले शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों से सात दिन के अंदर साक्ष्य के साथ स्पष्टीकरण खंड शिक्षाधिकारी के माध्यम से तलब किया है। अन्यथा की दशा में स्पष्टीकरण पर विचार नहीं किया जाएगा।
मानदेय काटौती को मानव संपदा के सर्विस बुक पर अंकित करने का निर्देश
बीएसए ने संबंधित खंड शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया है कि अनुपस्थिति तिथि का वेतन और मानदेय काटौती के संबंध में मानव सम्पदा के सर्विस बुक पर अनिवार्य रूप से अंकित करें। उधर ऐसे कार्मिक जो 03 या 03 से अधिक बार अनाधीकृत रूप से अनुपस्थित पाए गए हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए खंड शिक्षाधिकारियों से बीएसए ने आख्या तलब की है। बताया कि विद्यालयों का नियमित निरीक्षण एवं कार्यक्रमों की प्रगति का अनुश्रवण खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक तथा जनपद एवं ब्लाक स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है।
पूर्व में की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा दें प्रधानाध्यापक
हाल में किए गए निरीक्षण के दौरान परिषदीय विद्यालयों में 132 अध्यापक, शिक्षामित्र व अनुदेशक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित पाए गए हैं। विद्यालय अवधि में अनुपस्थित पाया जाना अनुशासनहीनता, उच्चाधिकारी के आदेशों-निर्देशों की अवहलेना तथा सौंपे गये कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही को प्रदर्शित करता है। ऐसे में सम्बंधित शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक का अनुपस्थित तिथि का वेतन/ मानदेय की कटौती “‘नो वर्क नो पे” के आधार पर की गई है। वहीं, सम्बन्धित प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है कि विद्यालय में बार-बार अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित कार्मिकों के सम्बन्ध में उनके द्वारा पूर्व में क्या कार्यवाही की गई ? साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि सम्बन्धित कार्मिक यदि उक्त दिवस पर मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृत अवकाश पर थे तो इस सूचना का अंकन विद्यालय रजिस्टर में ‘अवकाश रिफरेन्स नम्बर’ के साथ क्यों नहीं किया गया? अन्यथा की स्थिति में अधीनस्थ पर प्रभावी पर्यवेक्षणीय नियंत्रण न रख पाने के दृष्टिगत उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इससे पहले 66 शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों के खिलाफ ‘नो वर्क नो पे’ के तहत पांच अप्रैल को कार्रवाई हुई थी।