- योगी सरकार ने यूपी पुलिस को संसाधन उपलब्ध कराने के लिए आवंटित किया बजट
- पीएसी, साइबर क्राइम थानों और एसटीएफ को मिलेंगे नये वाहन
लखनऊ: अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम कर रही योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में यूपी पुलिस (गृह विभाग) को कुल 755 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। यह धनराशि पुलिस विभाग की सैलरी समेत अन्य मदों में खर्च की जाएगी जबकि संसाधन खरीदने के लिए 25 करोड़ 64 लाख की धनराशि दी गई है। इस धनराशि से पीएसी, नवगठित 18 परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों और एसटीएफ के लिए नये वाहन खरीदे जाएंगे।
5 करोड़ से चित्रकूट में अभियाेजन विभाग के नये कार्यालय का होगा निर्माण
पुलिस विभाग को आवंटित 25 करोड़ 64 लाख से पीएसी बल को सशक्त और गतिशीलता बढ़ाने के लिए 120 नए वाहनों को खरीदा जाएगा। इसके लिए 20 करोड़ की धनराशि खर्च की जाएगी। इस धनराशि से पीएसी के लिए बीपीआरएडी मानक के अनुसार एवं 24 कंपनियां क्रियाशील होने के दृष्टिगत 120 नए वाहन खरीदे जाएंगे। इसी तरह प्रदेश में साइबर अपराध को कंट्रोल करने के लिए नवगठित 18 परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थानों के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 5 करोड़ 7 लाख रुपये की धनराशि से नये वाहन खरीदे जाएंगे। इसके अलावा एसटीएफ को 3 नए इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने के लिए 57 लाख खर्च किए जाएंगे। इतना ही नहीं गृह विभाग (राजनैतिक पेंशन तथा अन्य व्यय) के अभियोजन विभाग के चित्रकूट में नये कार्यालय के निर्माण के लिए 5 करोड़ की धनराशि दी गई है। 4 जिला होमगार्ड्स कार्यालयाें के प्रथम तल पर मंडलीय होमगार्ड्स कार्यालय के भवन निर्माण एवं 8 मंडलीय इकाइयों में जिला होमगार्ड्स कार्यालय के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। इसके साथ ही होमगार्ड्स विभाग के 3 मंडलीय प्रशिक्षण केंद्रों के निर्माण के लिए 15 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है।
आधी आबादी को सुरक्षित माहौल देने को लगाये गये साढ़े आठ लाख से अधिक सीसीटीवी
योगी सरकार की नीतियों का ही असर है कि प्रदेश में वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2023 में डकैती के मामलों में 87 प्रतिशत, लूट में 76 प्रतिशत, हत्या में 43 प्रतिशत, बलवा में 65 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण में 73 प्रतिशत की कमी आई है। अपराधियों पर नकेल कसने और आधी आबादी को सुरक्षित माहौल देने के लिए ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत 8,54,634 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। वहीं अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2024 तक पुलिस विभाग में विभिन्न पदों पर 1,55,830 भर्तियां तथा 1,41,866 पदोन्नतियां की गयी हैं। महिलाओं तथा वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी परियोजना के तहत महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, डार्क स्पॉट्स का चिन्हीकरण एवं लाइट्स लगाना, हॉट प्वाइण्ट्स को चिन्हित करने, पिंक बूथों की स्थापना तथा बस / टैक्सियों में पैनिक बटन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में 3 महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर एवं बदायूं में स्थापित हैं जबकि बलरामपुर, जालौन, मिर्जापुर, शामली तथा बिजनौर में 5 अन्य पीएसी बटालियन स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश स्पेशल सेक्योरिटी फोर्स की 6 वाहिनियां गठित की गयी हैं। महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तीकरण के लिए 1,699 एंटी रोमियो स्क्वॉयड का गठन कर अभियान चलाया जा रहा है। होमगार्ड स्वयंसेवकों की मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाती है। ऐसे में दुर्घटना बीमा योजना के तहत होमगार्ड्स को 30 लाख रुपये की बीमा सुविधा प्रदान की गयी है।