पंजाब के संगरूर में दूषित खाना खाने से 74 बच्चे गंभीर रूप से बीमार

संगरूर। संगरूर के नजदीकी सरकारी मेरिटोरियस स्कूल में दूषित भोजन खाने की वजह से करीब 74 बच्चे बीमार हो गए है। बीमारों का इलाज सिविल अस्पताल संगरूर में किया जा रहा है। बच्चों ने स्कूल में मिल रहे भोजन को घटिया होने की बात कही। उधर, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिला प्रशासन द्वारा तुरंत एक जांच टीम गठित कर दी गई है और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई शुरू हो गई है।

सिविल अस्‍पताल में भर्ती
गौर हो कि सरकारी मेरिटोरियस स्कूल में दूषित भोजन खाने की वजह से शुक्रवार देर रात 18 बच्चों को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जिसमें से 14 बच्चों को प्राथमिकी इलाज कर छुट्टी दे दी गई, जबकि 4 बच्चों की हालत गंभीर होने की वजह से भर्ती कर लिया है।

शनिवार सुबह स्कूल से 36 बच्चों को सिविल अस्पताल भर्ती करवाया गया, जबकि 20 बच्चों को पीजीआई संगरूर में भर्ती करवाया गया। भर्ती बच्चों के मुंह से झाग, पेट में दर्द व उल्टियां होने की शिकायत सामने आई है। अस्पताल में भर्ती बच्चों ने कहा कि उन्हें दीपावली के बाद से ही घटिया सामग्री वाला खाना खिलाया जा रहा है।

भोजन में मिले कीड़े
इस संबंधी प्रबंधकों को शिकायत भी गई थी थी, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। भर्ती बच्चों ने कहा कि शुक्रवार रात के भोजन में कीड़े चल दिखाई दे रहे थे, लेकिन मैस के ठेकेदार ने बिना बच्चों की जिंदगी की परवाह किए, कीडों वाला ही खाना परोस दिया।

भर्ती बच्चों के अभिभावकों ने भी कहा कि कई बार खाने को लेकर बच्चों से आई शिकायत के आधार पर प्रबंधकों को बताया गया है, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की,जिस वजह से आज उनके बच्चों के हालात ऐसे हो गए हैं। अभिभावकों ने मामले की जांच कर घटिया सामग्री परोसने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

जांच के लिए एसडीएम संगरूर के नेतृत्व में बनाई जांच की टीम
उधर, डिप्टी कमिशनर जतिंदर जोरवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए एसडीएम संगरूर के नेतृत्व में जांच टीम बनाई गई है, जिसमें एसडीएम के साथ-साथ तहसीलदार, सीनियर मेडिकल अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी को शामिल किया गया है।

टीम एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री ने मामले की पल-पल की जानकारी जुटा रहे है। उन्होंने कहा कि बच्चों को मिलने वाले खाने को तुरंत हटा दिया गया है और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। साथ ही बच्चों के खाने के लिए आर्जी प्रबंध किए जा रहे हैं। मामले में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

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