रांची । झारखंड हाई कोर्ट में छठी जेपीएससी में आरक्षित कोटे के सफल कैंडिडेट के मेरिट को कंसीडर करते हुए उनका कैडर आवंटन सामान्य श्रेणी में किए जाने से संबंधित चंदन कुमार, गौतम कुमार, संजय कुमार महतो एवं कुमार अविनाश की अपील याचिका की सुनवाई हुई। हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को मामले में बहस के लिए अंतिम अगली तिथि 16 सितंबर निर्धारित की है।
जेपीएससी ने कोर्ट को बताया कि मेरिट के आधार पर सामान्य श्रेणी में रखे गए आरक्षित कोटे के कैंडिडेट को वापस रिजर्व कैटेगरी में लाकर उनका कैडर आवंटन करने का झारखंड में रूल नहीं है। यदि आरक्षित श्रेणी के सामान्य श्रेणी में लाए गए कैंडिडेट को वापस आरक्षित श्रेणी में लाकर उनका आवंटित किया जाता है तो रिजर्व कैटेगरी के 40 सफल अभ्यर्थियों की नौकरी चली जाएगी। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ आदेश का हवाला देते हुए कहा कि वे रिजर्व कैटेगरी से हैं लेकिन मेरिट के आधार पर वे सामान्य कैटेगरी में माने गए हैं, उनका कैडर आवंटन उनके रिजर्व कैटेगरी में ही होना चाहिए।
जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल, प्रिंस कुमार ने मामले की पैरवी की। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अजीत कुमार ने पैरवी की। राज्य सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पैरवी की।
दरअसल, यह मामला छठी जेपीएससी परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें आरक्षित वर्ग के जो कैंडिडेट अपने योग्यता के आधार पर सामान्य वर्ग में अपनी जगह बनाए थे, उन्हें सामान्य श्रेणी में ही कंसीडर करते हुए जेपीएससी के द्वारा कैडर आवंटित किया गया था जबकि याचिकाकर्ता का कहना था कि कैडर आवंटन के लिए अपने चॉइस ऑफ सर्विस के लिए उनका कंसीडरेशन आरक्षित वर्ग में ही किया जाना चाहिए था।