G20 कार्यकारी समूह की चौथी और अंतिम बैठक रायपुर में संपन्न

रायपुर:  भारत की जी20 अध्‍यक्षता के तहत जी20 फ्रेमवर्क कार्यकारी समूह (एफडब्ल्यूजी) की चौथी और अंतिम बैठक मंगलवार को संपन्न हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि भारत की जी20 अध्‍यक्षता के तहत जी20 फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप (एफडब्ल्यूजी) की चौथी और अंतिम बैठक आज रायपुर में संपन्न हुई। बैठक की सह-अध्यक्षता भारत और ब्रिटेन ने की।

18 और 19 सितंबर को हुई दो दिवसीय बैठक की सह-अध्यक्षता में भारत का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्रालय की सलाहकार चांदनी रैना और ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व राजकोष की मुख्य आर्थिक सलाहकार सैम बेकेट ने किया।

उन्होंने बताया कि बैठक में जी20 के सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय संगठनों के लगभग 65 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अधिकारियों ने बताया कि इस साल समूह ने दो जी20 रिपोर्ट खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा के व्यापक आर्थिक प्रभाव और जलवायु परिवर्तन तथा रूपांतरकारी मार्गों से उत्पन्न होने वाले व्यापक आर्थिक जोखिमों पर रिपोर्ट जारी की।

सदस्यों ने वैश्विक चुनौतियों से जुड़े व्यापक आर्थिक परिणामों का आकलन करने के लिए वैश्विक विचार-विमर्श जारी रखने की आवश्यकता को स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि बैठक में वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की प्रस्तुतियों के आधार पर प्रमुख चुनौतियों और जोखिमों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने जी20 चर्चाओं को अधिक समावेशी और मानव-केंद्रित बनाने के लिए कई जनभागीदारी कार्यक्रमों की मेजबानी की। इसमें आम जनता, छात्रों और स्वयं-सहायता संगठनों के लाभ के उद्देश्य से कार्यक्रम शामिल किए गए।

इन कार्यक्रमों में वित्तीय साक्षरता, जी20 जागरुकता कार्यक्रम, चित्रकला, नारा-लेखन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता शामिल थी। उन्होंने बताया कि जी20 में भारत की अध्यक्षता के विषय एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना के अनुरूप व्यापक आर्थिक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने और सर्वहित के लिए लचीली और समृद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बल दिया गया।

समूह ने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने पर मिलकर काम करने के लिए सहमति व्यक्त की। अधिकारियों ने बताया कि देश—विदेश से आए प्रतिनिधियों ने नंदनवन प्राणी उद्यान का भ्रमण किया।

उन्होंने बताया कि प्रतिनिधियों के लिए रात्रि भोज पर संवाद और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्हें छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्वादिष्ट व्यंजनों का अनुभव करने का अवसर मिला।

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