- राजधानी के शिव मंदिरों में महा शिवरात्रि के मौके पर हर साल देखने को मिलती है
भक्तों की भारी भीड़ - महाशिवरात्रि पर्व को लेकर राजधानी में स्थापित सभी शिव मंदिरों में तैयारियां अंतिम चरण में पहुंची
निष्पक्ष प्रतिदिन,लखनऊ। महाशिवरात्रि पर्व पूरी श्रद्धा और उमंग के साथ 08 मार्च शुक्रवार को मनाया जाएगा। पर्व को लेकर तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। शिवालयों को सजाने-संवारने के साथ साफ-सफाई का कार्य तेजी से जारी है। इसके अलावा पर्व के दिन निकाले जाने वाले शिव बारात की तैयारियों में भी श्रद्धालु जुट गए हैं।देवों के देव महादेव की पूजा आराधना का सबसे बड़ा दिन महाशिवरात्रि पर्व को लेकर राजधानी में स्थापित सभी शिव मंदिरों में तैयारियां अंतिम चरण में है। महाशिवरात्रि पर्व लेकर देशभर के साथ साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सभी शिव मंदिर सज कर तैयार हो रहे हैं। भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए यहां आने वाले भक्तों को कोई दिक्कत न हो इसको लेकर पुख्ता तैयारियां की जा रही हैं।
बुद्धेश्वर महादेव मंदिर
महाशिवरात्रि पर यह मंदिर रात 12 बजे से खुल जाएगा और पूरे दिन यहां पर भक्त दर्शन पूजन कर सकते हैं. सिर्फ आरती और श्रृंगार के लिए सुबह 11:30 बजे से लेकर करीब दोपहर एक बजे तक मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। यहां पर आपको दर्शन करने के लिए जाना है, तो आप किसी भी तरह के ड्रेस कोड में जा सकते हैं। कोई भी रोक नहीं होगी। मंदिर के बाहर ही आपको बेलपत्र, गंगाजल, मिठाई और सभी तरह के फूल के साथ ही दूध भी आसानी से मिल जाएगा। यह मंदिर बुद्धेश्वर इलाके में स्थित है।
मनकामेश्वर मंदिर
मनकामेश्वर मंदिर बेहद प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर भी महाशिवरात्रि पर पूरा दिन खुला रहेगा। यहां पर भी आपको भोलेनाथ के शृंगार और उनकी पूजा-अर्चना का सारा सामान मंदिर के बाहर मिल जाएगा। हालांकि इस मंदिर में अगर आपको शिवलिंग के करीब जाकर जल चढ़ाना है, तो पुरुषों को धोती कुर्ता और महिलाओं को साड़ी में ही जाना अनिवार्य होगा। यह मंदिर लखनऊ विश्वविद्यालय के ठीक पीछे जाने वाले रास्ते पर है।
कोतवालेश्वर महादेव
यह मंदिर चौक चौराहे के करीब है और चौक कोतवाली के बिल्कुल बगल में है। यहां के महंत विशाल गौड़ ने बताया कि मंदिर में पूरा दिन लोग दर्शन पूजन कर सकते हैं। मंदिर किसी भी वक्त बंद नहीं किया जाएगा। सुबह 5 बजे और रात में 8 बजे आरती होगी।इसमें भी लोग शामिल हो सकते हैं। इस मंदिर में कोई भी ड्रेस कोड लागू नहीं है।
श्री महाकाल मंदिर
यह मंदिर लखनऊ के राजेंद्र नगर इलाके में स्थित है। प्राचीन मंदिर है उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर यहां पर भस्म आरती सुबह 4 बजे होगी। 5 बजे से महाशिवरात्रि पर भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा। दिन के साथ रात के 12 बजे मंदिर खुला रहेगा। इस दौरान कुछ भक्तों ने रुद्राभिषेक के लिए एडवांस बुकिंग भी करा रखी है। यहां पर भी कोई ड्रेस कोड लागू नहीं है।
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर
द्वादश ज्योतिर्लिंग लखनऊ की प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां पर महादेव के द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन एक ही छत के नीचे करने का मौका भक्तों को मिलता है। इस मंदिर के कपाट भी सुबह 5 बजे खुल जाएंगे और पूरा दिन आप यहां पर पूजा अर्चना कर सकते हैं। यहां रुद्राभिषेक भी चलेगा। इस मंदिर में भी भक्तों के लिए किसी भी प्रकार का कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है। इस मंदिर की खासियत यह है कि आपको शिवलिंग के करीब ही शुद्ध जल शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए मिल जाएगा।
नागेश्वर महादेव मंदिर
बख्शी का तालाब स्थित ऐतिहासिक नागेश्वर महादेव की महिमा आसपास के सैकड़ों गांवों तक फैली है। यहां दूर-दूर से लोग बाबा को पूजने आते हैं। कहते हैं, कि सावन मास व शिवरात्रि के दिन महादेव की आराधना करने से हर मनोकामना पूरी होती है।यही वजह है कि यहां सोमवार को ही नहीं बल्कि पूरे साल भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है।बता दें कि नगर पंचायत बख़्शी का तालाब में इस नागेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण 1226-1236 हिजरी के मध्य हुआ था। अवध सल्तनत के वजीर त्रिपुरचन्द बख़्शी ने उस जमाने में इस अनाम जंगल में एक भव्य पक्का तालाब, बाँके बिहारी मंदिर (ठाकुरद्वारा), नागेश्वर महादेव मंदिर, कई बारादरियां निर्मित कराई थीं।साथ ही, बख़्शी जी ने नागेश्वर महादेव मंदिर के पास ही ऐतिहासिक तालाब के चारों तरफ विशाल बगीचे लगवाए थे।