23 एकड़ ज्मीन की रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े मामले में नायब तहसीलदार, पटवारी, कानूनगो पर केस

पलवल । पलवल में नायब तहसीलदार और कानूनगो व पटवारी के खिलाफ मंगलवार को धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। इनपर 23 एकड़ भूमि का इंतकाल में गड़बड़ी करने ओर जमीन किसी और के नाम चढ़ाने के आरोप लगे हैं। कानूनगो व पटवारी को डीसी सस्पेंड कर चुकी है, वहीं नायब तहसीलदार को ससपेंड करने की सिफारिश विभाग को की गई है।पुलिस मामले में जांच कर रही है।

कैंप थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने मंगलवार को बताया कि राजस्व अधिकारी की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शेखपुर गांवमें 23 एकड जमीन का इंतकाल गलत तरीके से चढ़ाया गया। इस बारे में शेखपुर गांव निवासी धर्मपाल सिंह की ओर सेएक शिकायत दी गई। शिकायत में कहा गया कि साल 1947 से उनके परिवारवालों के नाम जमीन चली आ रही है। उक्तजमीन की बावत उसके व सरकार के बीच एक केस हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

सरकार की ओर से हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर है, जिसकी गलत तरीके से रजिस्ट्री कर दी गई। रजिस्ट्री के खिलाफ शिकायतदी गई और इंतकाल नहीं चढ़ाने के लिए कहा गया।

इस बारे में एसडीएम पलवल की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया गया। जांच कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्टमें कहा कि इंतकाल दर्ज करते समय नियमों की अनदेखी की गई। रजिस्ट्री होने के 20 साल बाद इंतकाल दर्ज कर दियागया। कानून इतने लंबे समय बाद इंतकाल चढाने के लिए उच्चाधिकारियों से मंजूरी लेना जरूरी है।

जांच रिपोर्ट में लिखा है कि उक्त भूमि का पटवारी अभिषेक, कानूगो बलवंत सिंह व तत्कालीन नायब तहसीलदार जीवनदास (हाल नायब तहसीलदार गौछी) द्वारा अक्टूबर 2022 में इंतकाल चढाया गया है। जिसके चलते नायबतहसीलदार सहित दोनों कर्मचारियों को आरोपी मानते हुए कार्रवाई की गई है।

डीसी नेहा सिंह ने बताया कि पटवारी अभिषेक व कानूगो बलवंत को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि नायब तहसीलदार जीवनदास को सस्पेंड करने के लिए संबंधित उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर सिफारिश की गई है।एसडीएम पलवल नेअपनी जांच रिपोर्ट में इन तीनों अधिकारियों व कर्मचारियों को दोषी ठहराया है, क्योंकि इनके द्वारा अपराध किया गया है।

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