21 दिसंबर जो साल का सबसे छोटा दिन होता है। इसे विंटर सोलस्टाइस के नाम से जाना जाता है।

नई दिल्ली। आज 21 दिसंबर को दिन छोटा और रात लंबी होती है। इसकी वजह है कि सूरज से धरती काफी दूर रहती है और चांद की रोशनी आज के दिन ज्यादा देर तक पड़ती रहेगी। आज के दिन चीन में डोंगजी फेस्टिवल मनाया जाता है। इस मौके पर लोग राइस बॉल्स खाते हैं।

सोलस्टाइस का मतलब ‘स्थिर सूरज’
सोलस्टाइस एक लैटिन शब्द है, इसका मतलब ‘ स्थिर सूरज’ होता है। आज के दिन सूर्य कैप्रिकॉन सर्कल में पहुंचता है। दिन के धीरे-धीरे बड़े होने की शुरुआत 25 दिसंबर के बाद होने लगती है। आज चांद की किरणें धरती पर काफी देर तक रहती हैं और समय से पहले ही सूरज अस्त हो जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस दिन धरती अपने एक्सिस पर साढ़े तेईस झुकी रहती है। हिंदू मान्यताओं के मान्यताओं के अनुसार 21 दिसंबर को धनुमास का अंतिम दिन और वास्तवित संक्रांति के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि करीब 1700 साल पहले आज के ही दिन मकर संक्रांति मनाई जाती थी।

क्या है सबसे छोटे दिन होने की वजह
पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े तेइस डिग्री झुकी हुई है। इस वजह से सूर्य की दूरी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध से ज्यादा हो जाती है। इससे सूर्य की किरणे पृथ्वी पर कम समय तक पड़ती है। 21 दिसंबर को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता है। इस दिन सूर्य की किरणें मकर रेखा के लंबवत होती हैं और कर्क रेखा को तिरछा स्पर्श करती हैं। इस वजह से सूर्य जल्दी डूबता है और रात जल्दी हो जाती है। उत्तरी गोलार्ध में 23 दिसंबर से दिन की अवधि बढ़ने लग जाती है। इस दौरान उत्तरी ध्रुव पर रात हो जाती है, जबकि दक्षिणी ध्रुव पर 24 घंटे सूर्य चमकता है। सूर्य 21 मार्च को भूमध्य रेखा पर सीधा चमकेगा, इसलिए दोनों गोलार्ध में दिन-रात बराबर होते हैं।

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