Retail Inflation : सब्जियों की कीमतें गिरने से फरवरी में घटी खुदरा महंगाई दर..

सब्जियों की कीमतों में गिरावट के कारण भारत में फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर (CPI - Consumer Price Index) में कमी आई है। यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट के कारण आई है। सब्जियों की कीमतें आमतौर पर मौसम के हिसाब से बदलती हैं, और फरवरी में इनकी कीमतों में गिरावट ने महंगाई दर को नीचे लाने में मदद की।फरवरी में खुदरा महंगाई दर सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई, जो एक सकारात्मक संकेत है। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक की नीतियां कुछ हद तक प्रभावी हो रही हैं।सब्जियों के अलावा, अन्य खाद्य वस्तुओं, जैसे फल, दालें और ताजे खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी नरमी आई। इस गिरावट ने उपभोक्ताओं के खर्चों को कम करने में मदद की, जिससे महंगाई दर में यह सुधार हुआ।महंगाई दर में कमी आने से केंद्रीय बैंक (RBI) को भी अपनी मौद्रिक नीतियों पर विचार करने में मदद मिल सकती है, खासकर अगर महंगाई और ब्याज दरों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है।

Retail Inflation : सब्जियों की कीमतों में गिरावट के कारण भारत में फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर (CPI – Consumer Price Index) में कमी आई है। यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट के कारण आई है। सब्जियों की कीमतें आमतौर पर मौसम के हिसाब से बदलती हैं, और फरवरी में इनकी कीमतों में गिरावट ने महंगाई दर को नीचे लाने में मदद की।फरवरी में खुदरा महंगाई दर सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई, जो एक सकारात्मक संकेत है। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक की नीतियां कुछ हद तक प्रभावी हो रही हैं।सब्जियों के अलावा, अन्य खाद्य वस्तुओं, जैसे फल, दालें और ताजे खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी नरमी आई। इस गिरावट ने उपभोक्ताओं के खर्चों को कम करने में मदद की, जिससे महंगाई दर में यह सुधार हुआ।महंगाई दर में कमी आने से केंद्रीय बैंक (RBI) को भी अपनी मौद्रिक नीतियों पर विचार करने में मदद मिल सकती है, खासकर अगर महंगाई और ब्याज दरों के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है।

फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर 3.61 प्रतिशत पर आ गई, जो पिछले सात महीनों में सबसे निचला स्तर है। इस गिरावट का मुख्य कारण सब्जियों और प्रोटीन युक्त खाद्य वस्तुओं की कीमतों में आई कमी है। खासकर, सब्जियों की कीमतों में गिरावट ने खाद्य महंगाई को काफी कम किया, जिससे महंगाई दर में यह सुधार हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए यह स्थिति महत्वपूर्ण है, क्योंकि महंगाई दर में गिरावट से उन्हें अपनी मौद्रिक नीति पर पुनः विचार करने का मौका मिलता है। अगर महंगाई नियंत्रण में रहती है, तो आरबीआई के लिए ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनी रहती है। फरवरी में महंगाई दर के इस सुधार के बाद, आरबीआई को अगले महीने ब्याज दरों में दूसरी बार कटौती करने पर विचार करना पड़ सकता है, जो कि उधारी को सस्ता करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। महंगाई दर में गिरावट से उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है, क्योंकि इससे जीवन यापन की लागत कम होगी। इसके अलावा, यह आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां उच्च महंगाई ने खपत और निवेश को प्रभावित किया था।

सब्जियों और प्रोटीन युक्त खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण फरवरी में खुदरा महंगाई दर घटकर 3.61 प्रतिशत पर आ गई। यह सात महीने का निचला स्तर है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक के लिए अगले महीने ब्याज दरों में दूसरी बार कटौती की गुंजाइश बनी है।उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई दर जनवरी में 4.26 प्रतिशत और फरवरी 2024 में 5.09 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि फरवरी 2025 के लिए साल-दर-साल मुद्रास्फीति दर 3.75 प्रतिशत थी। एनएसओ ने अपने आंकड़े में कहा, “जनवरी 2025 की तुलना में फरवरी 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति में 222 आधार अंकों की तीव्र गिरावट देखी गई है। फरवरी 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति मई 2023 के बाद सबसे कम है।”

एनएसओ ने कहा- कि फरवरी के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडे, मांस और मछली, दालों और उत्पादों; तथा दूध और उत्पादों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है। आरबीआई, जिसे खुदरा महंगाई दर को 4 प्रतिशत (दो फीसदी ऊपर या नीचे) के दायरे बनाए रखने का दायित्व सौंपा गया है। रिजर्व बैंक ने महंगाई के मोर्चे पर चिंता कम करने के लिए पिछले महीने अल्पकालिक उधार दर (रेपो) में 25 आधार अंकों की कटौती की थी। केंद्रीय बैंक अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा 9 अप्रैल को करेगा।

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