
होली से पहले एक बार फिर देश की सियासत गरमाती जा रही है. होली शुक्रवार को पड़ रही है, इसलिए कई जगहों पर जुमे की नमाज का समय बदल दिया गया है. साथ ही रंगों से बचने के लिए घर पर रहने या फिर तिरपाल का हिजाब पहनकर बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है. ऐसे में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अल्पसंख्यक को गले से लगाना है, उन्हें संरक्षण देना हमारा काम है. अल्पसंख्यकों को डराना नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने होली के दिन जुमे की नमाज का समय बदलने के मुद्दे पर कहा, “यह कोई मुद्दा ही नहीं है. यह जानने की जरुरत है कि हमारा संविधान क्या कहता है. हमारे देश के मार्गदर्शक लोगों ने हमें क्या सिखाया. स्कूल-कॉलेज में हमें यही सिखाया जाता है कि भारत सर्व धर्म समभाव का देश है. सेकुलर देश है. धर्मनिरपेक्ष राज्य है. सभी को बराबर से रहने, जीने और व्यापार करने का अधिकार है. सब बराबर के हकदार है.”
अल्पसंख्यकों का संरक्षण हमारा कर्तव्य: सिन्हा
उन्होंने कहा, “आज देश में कई जगह कुछ सुनने को आ रहा है. मुझे पता है कि इसे थोड़ा बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है. लेकिन इसे समझने की जरुरत है. ये जो अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं, ये हमारे अपने ही हैं. ये भारत मां की संतान ही हैं. चाहे किसी भी जाति, वर्ग और धर्म के हों, सब एक ही हैं. सब हमारा परिवार है.” उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यकों की रक्षा और उनका संरक्षण हमारा कर्तव्य है. सबको मिलकर रहना चाहिए.
मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिशः सिन्हा
टीएमसी सांसद सिन्हा ने कहा, “आखिर किसी खास वर्ग के लिए क्यों किया जा रहा है. सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर पा रही है. गरीबी रेखा के नीचे करोड़ों लोग आते हैं. ऐसा लगता है कि मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ऐसे भावनात्मक मुद्दे बनाने की कोशिश करती है. इसलिए दूसरी ओर से लोगों को एक्साइट किया जाए. यह गलत है.”
मशहूर शायर राहत इंदौरी के शेर का जिक्र करते हुए शत्रुध्न सिन्हा ने कहा, “लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां सिर्फ मेरा मकान थोड़े ही है. सभी का खून है यहां की मिट्टी में शामिल, हिंदुस्तान किसी के बाप का थोड़े ही है. ये समझने की जरुरत है.”