
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक बार फिर से महाकुंभ में अव्यवस्थाओं सूबे की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. सोमवार (24 फरवरी ) को उन्होंने सोशल मीडिया पर महाकुंभ में मची भगदड़ वाले दिन की एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि महाकुंभ में जिन्होंने अपनों को तलाशा उन्हें न तो अपने उन परिवार वालों का नाम मृतकों की सूची में मिला और न ही खोया-पाया के रजिस्टर में.
इसके साथ ही अखिलेश ने कहा कि यूपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने महाकुंभ में राजनीतिक अवसरवाद को तलाशा और उनको आत्मप्रचार का माध्यम मिला, लेकिन उन्होंने अपनी नैतिकता, सत्यनिष्ठा और मानवीय संवेदनाओं को खो दिया साथ ही वाणी पर संतुलन को भी खो दिया.
‘मानसिकता जब नकारात्मकता के चरम पर होती है तो…’
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि अशोभनीय कथनों का उच्चारण बताता है कि मानसिकता जब नकारात्मकता के चरम पर होती है तो देश, काल, स्थान की गरिमा का ख़्याल न करते हुए शब्दों के रूप में प्रकट होती है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसे पावन-पवित्र धार्मिक-आध्यात्मिक पर्व के संबंध में बोलते समय शब्दों का चयन, इस अवसर के मान और प्रतिष्ठा के अनुकूल होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है.
‘महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ’
अखिलेश ने तंज करते हुए कहा कि महाकुंभ में कई बार जाकर भी जिनका वैचारिक उद्धार नहीं हुआ, उनके पाप और पतन की सीमा भला कौन नाप सकता है. ऐसे कथनों से जिन सुधीजनों को ठेस पहुंची है, उनसे निवेदन है कि ऐसे लोगों के प्रति सहानुभूति की भावना रखें न कि आक्रोश की. सन्मति दे भगवान!.
अखिलेश पर सीएम योगी का तंज
इससे पहले विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा था कि महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसे वही नजर आया. सीएम ने कहा था कि गिद्धों को लाश मिली, सुअरों को गंदगी मिली है. संवेदनशील लोगों को रिश्तों की सुंदर तस्वीर मिली, आस्थावानों को पुण्य, सज्जनों को सज्जनता मिली, अमीरों को धंधा मिला, गरीबों को रोजगार मिला, भक्तों को भगवन मिले और श्रद्धालुओं को साफ सुधरी व्यवस्था मिली. उन्होंने कहा कि जिसकी जैसी नियत थी, जैसी दृष्टि थी, उसको वैसी ही व्यवस्था मिली.