Delhi Stampede: ‘कोई भी नहीं सुन रहा था’, भगदड़ के समय स्टेशन पर मौजूद रहे एयरफोर्स अधिकारी ने बताई आंखों देखी

शनिवार की रात नई दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई। हादसा रात करीब 10 बजे हुआ, जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जा रहे थे। स्टेशन पर भारी भीड़ जमा होने से भगदड़ मची और 18 लोगों की जान चली गई। हादसे के चश्मदीद रहे वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि लगातार अनाउंसमेंट के बावजूद लोग सुनने को तैयार नहीं थे।

वायुसेना अधिकारी ने बताया- अनाउंसमेंट के बाद भी नहीं सुन रहे थे लोग
वायुसेना के अधिकारी ने बताया कि ‘रेलवे स्टेशन पर तीनों सेनाओं का कार्यालय है। जब मैं ड्यूटी से लौट रहा था तो मैं भी नहीं जा पा रहा था क्योंकि स्टेशन पर भारी भीड़ थी। मैंने लोगों को समझाने की कोशिश की और लगातार अनाउंसमेंट भी हो रहे थे, जिसमें लोगों से अपील की जा रही थी कि वे स्टेशन पर एक जगह इकट्ठे न हो, लेकिन लोग नहीं सुन रहे थे। प्रशासन ने हादसे को रोकने की कोशिश की, लेकिन कोई नहीं सुन रहा था। मैंने और मेरे एक दोस्त ने भी घायलों की मदद की।’

वायुसेना अधिकारी ने बताया कि भीड़ हद से ज्यादा थी। लोग फुटओवर ब्रिज पर मौजूद थे। मैंने कभी रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ नहीं देखी। यहां तक कि त्योहारों के समय भी इतनी भीड़ नहीं होती। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि उसे नियंत्रित करना संभव नहीं था।

प्लेटफॉर्म बदलने से मची भगदड़
एक चश्मदीद ने बताया कि एक ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदला था और जैसे ही इसका अनाउंसमेंट हुआ तो उसी जल्दबाजी में भगदड़ मच गई। उसने बताया कि ‘भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई नहीं था। जैसे ही अनाउंस हुआ कि प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर आ रही ट्रेन प्लेटफॉर्म 16 पर आएगी तो दोनों तरफ से भीड़ प्लेटफॉर्म पर जमा हो गई, इससे भगदड़ हुई।’

एनडीआरएफ के कमांडेंट दौलत राम चौधरी ने बताया कि फिलहाल स्टेशन पर हालात नियंत्रित हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है। हमें प्लेटफॉर्म 14 पर भगदड़ की सूचना मिली, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। डीसीपी रेलवे केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि प्रशासन को इतनी भीड़ की उम्मीद थी, लेकिन ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि जिसकी वजह से भगदड़ हुई। रेलवे ने घटना की जांच शुरू कर दी है और इसके लिए दो सदस्यीय समिति बनाई गई है, जो नई दिल्ली स्टेशन पर हुए हादसे की जांच करेगी।

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