बिना अनुमति के प्लाटिंग में लगाए बिजली के 200 खंभे,उपखंड अधिकारी ने थाने पर दर्ज कराई एफआईआर

  • अनुमति ली नहीं और बीकेटी के अंतर्गत ग्राम बाबापुरवा मजरे शिवपुरी में साहू प्लानिंग एंड डेवलपर्स ने खुद बना लिया बिजली सप्लाई का सिस्टम

लखनऊ।बीकेटी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बाबापुरवा मजरे शिवपुरी में अवैध रूप से हो रही प्लाटिंग में डेवलपर्स ने बिजली विभाग से अनुमति लिए बिना व बिना लोड सेंशन कराये ही खंभे लगा दिये हैं।बीकेटी के उपखंड अधिकारी ने भूखंड को चिह्नित कर उसपर अवैध तरीके से लगाये गये बिजली के खंभों को लेकर बीकेटी थाने पर तहरीर देकर सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर तत्काल साहू प्लानिंग एंड डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।लेकिन उपखंड अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने साहू प्लानिंग एंड डेवलपर्स के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
बता दें कि बीकेटी क्षेत्र में कुछ प्रॉपर्टी डीलर विद्युत नियामक आयोग के आदेश का उल्लंघन कर लाइसेंसी की अनुमति के बिना खुद ही बिजली सप्लाई करने का सिस्टम बना रहे हैं। इलाके के उपखंड अधिकारी कार्रवाई करने के लिए डेवलपर्स को नोटिस भेजकर थाने पर तहरीर दी है। बख्शी का तालाब डिवीजन में बाबा पुरवा मजरे शिवपुरी में स्थित साहू प्लानिंग एंड डेवलपर्स के प्लॉटिंग एरिया में यह खेल सामने आया है। इसके बाद डेवलपर्स को नोटिस भेजा गया है।


बख्शी का तालाब का यह मामला है, जिसमें बिजली सिस्टम बनाने के लिए न तो 15 फीसदी सुपरविजन शुल्क जमा किया और न ही अनुमति ली। सूत्रों के मुताबिक बीकेटी क्षेत्र में भूमाफिया बड़े पैमाने पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर रहे हैं,और अवैध रूप से खंभे खरीदकर उसमें लगा रहे हैं। जबकि खंभे लगाने से पहले बिजली विभाग से अनुमति आवश्यक होती है। इस संबंध में कुछ लोगों ने उपखंड अधिकारी से मौखिक शिकायत की।जिसपर उपखंड अधिकारी अशोक कुमार मौर्य ने सभी अवर अभियंताओं को अपने क्षेत्र में जांच कर अवैध रूप से लगाए गए बिजली के खंभे चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।श्री मौर्य ने यह भी बताया कि साहू प्लानिंग एंड डेवलपर्स के द्वारा बीकेटी के ग्राम शिवपुरी ( बाबापुरवा ) में बिना विद्युत विभाग की अनुमति के नये प्लानिंग में विद्युतीकरण कराया जा रहा है । जिसमें लगभग 200 पोल लगाये गये हैं । जिसमें कुछ पोल पर MVVNL लिखा हुआ है , जो कि विद्युत विभाग की सम्पत्ति है , जो कहीं न कहीं से अवैध तरीके से लाकर लगाये गये हैं।मामला संज्ञान में आने के बाद मौके पर जब जांच की गयी तो वहाँ पर अवैध तरीके से बिना लाइसेंसी की अनुमति के ही 200 पोल लगे हुए पाये गये।उपखंड अधिकारी श्री मौर्य ने बताया कि मकान बनाने के बाद लोग कनेक्शन लेने आते हैं तो वहां कनेक्शन देने में परेशानी होती है, जबकि प्लाटिंग करने वाले व्यक्ति की ही विद्युतीकरण कराने की जिम्मेदारी होती है। अवैध रूप से खंभे लगाने वाले भूखंडों को चिह्नित किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि उनके द्वारा थाने पर दी गयी तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।

बिजली नेटवर्क दिखा महंगा बेचते हैं भूखंड

चन्द्रिका देवी रोड, रैथा रोड,नवीकोट नंदना,इटौंजा से कुर्सी रोड, महोना, बन्नौर, लौलाई सहित अधिकतर बीकेटी क्षेत्र में चौतरफा नव विकसित इलाकों में बहुत से प्रॉपर्टी डीलर ने लाइसेंसी अनुमति के बिना ही बिजली नेटवर्क बना रखा है। इसमें सिर्फ सीमेंट के पोल और एबीसी तार खींचकर ग्राहकों को बिजली की लाइन मंजूर होने का झांसा देकर भूखंडों को महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। वहीं, जब भूखंड बिक जाते तो प्रॉपर्टी डीलर भाग जाते हैं। इसका खुलासा तब होता जब प्लॉट खरीदने वाला उपकेंद्र पर बिजली कनेक्शन लेने पहुंचता है।

लाइसेंसी से परमिशन लेना अनिवार्य

उपखंड अधिकारी बीकेटी अशोक कुमार मौर्य ने बताया कि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली नेटवर्क विकसित करने और सप्लाई के लिए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को लाइसेंस देकर अधिकृत किया है। प्रॉपर्टी डीलर लाइसेंसधारी से अनुमति लेने के बाद ही बिजली सिस्टम को विकसित कर सकते हैं।

यह है नियामक आयोग का आदेश

नियामक आयोग के आदेश के आधार पर कोई भी प्रॉपर्टी डीलर यदि खुद बिजली सप्लाई का सिस्टम बनाना चाहता तो वह लाइसेंसी के प्रतिनिधि के समक्ष आवेदन पेश करता है। इसके बाद लाइसेंसी प्लॉटिंग एरिया का सर्वे कराकर जरूरत विद्युत लोड की गणना कर उसका एस्टीमेट बनाता है। फिर प्रॉपर्टी डीलर को एस्टीमेट का 15 फीसदी सुपरविजन शुल्क जमा करना पड़ता है।

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