फोरम का सुनाया फैसला, 45 दिन में बिजली विभाग करे नलकूप का कनेक्शन

हमीरपुर : परिवादी के द्वारा फोरम में दायर किए गए वाद की सुनवाई करते हुए फोरम के अध्यक्ष व सदस्य ने विपक्षी को 45 दिन के भीतर पीड़ित के कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
कस्बा मौजहा के कजियाना मोहल्ला निवासी महिला किसान किश्वरजहां ने फोरम में दायर किए गए वाद में बताया कि उसने बिजली विभाग में अपनी कृषि भूमि में निजी नलकूप कनेक्शन 10 किलोवाट के लिए नियमानुसार शुल्क जमा करके आवेदन किया था। जिसमें अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वारा पूर्ण जमा योजना के अंतर्गत भार स्वीकृत किए जाने के संबंध में एक जुलाई 2021 को जारी पत्र में उसका नाम क्रम संख्या तीन में अंकित था एवं एक सप्ताह के अंदर उपखंड अधिकारी के माध्यम से प्राक्कलन प्रेषित करने के लिए आदेशित किया गया था। जिसके संबंध में उपखंड अधिकारी विद्युत वितरण उपखंड मौदहा के आदेश के अनुपालन में अवर अभियंता विद्युत वितरण उपखंड मौदहा ने उसके नलकूप परिसर में जाकर विद्युत संयोजन के लिए प्राक्कलन रिपोर्ट तैयार कर अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खंड के कार्यालय में जमा कर दी। जहां से उसे पास कर दिया गया व आगे की कार्रवाई के लिए परिवादी को सूचित किया गया। तब वह विपक्षी के कार्यालय गई व एग्रीमेंट के अनुसार 5500 रुपये जरिये चालान एसबीआइ बैंक हमीरपुर में जमा किए तथा पूर्ण जमा योजना के तहत 1,25,557 रुपये जमा किए। लेकिन विपक्षी द्वारा इसके संबंध में कोई कार्रवाई नही की गई। जब कि पीड़िता बराबर प्रार्थना पत्र देती रही। लेकिन विपक्षी द्वारा पुन: प्राक्कलन का बहाना बनाया जाता रहा। जिस पर पीड़िता ने विपक्षी को 28 सितंबर 2022 को नोटिस भेजी। लेकिन नोटिस का कोई जवाब नही दिया गया और न ही संयोजन किया गया। जिस पर पीड़िता ने फोरम में वाद दायर किया। वाद की सुनवाई करते हुए फोरम के अध्यक्ष महेश कुमार कुशवाहा व सदस्य स्वर्णलता जायसवाल ने विपक्षी को आदेशित किया है कि वह निर्णय की तिथि से 45 दिन के अंदर परिवादी के निजी नलकूप के लिए विद्युत संयोजन परिवादी द्वारा जमा पूर्व व्यय पर ही स्वयं के पूर्व से प्रस्तावित मार्ग से या स्वयं के अतिरिक्त व्यय पर किसी अन्य मार्ग या अन्य प्रकार से संयोजित करे तथा अब तक ऐसे विद्युत संयोजन को संयोजित न करने के संबंध में परिवादी को तीस हजार रुपये की क्षतिपूर्ति भी 45 दिन के अंदर भुगतान की जाए तथा वाद व्यय के रूप में परिवादी को दो हजार रुपये का भी भुगतान 45 दिन के भीतर किया जाए।

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