भाजपा को मिले मतों में हुई 14 फीसदी की गिरावट

बाँदा| राजनीतिक दलों के लिए वोट प्रतिशत वजूद व उनकी अहमियत होते हैं।लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ तगड़ा खेल हो गया।एक ही झटके में 14 फीसदी वोट कम हो गए। यह 14 फीसदी वोट सीधे सपा गठबंधन,बसपा और अन्य छोटे दलों की झोली में गए।यह कैसे हुआ, किन परिस्थितियों में हुआ,संगठन से कहां चूक हुई,गुटबाजी का कितना असर रहा।अब इस पर भाजपाई मंथन कर रहे हैं।वर्ष 2014 में भाजपा ने सपा से बांदा-चित्रकूट संसदीय सीट छीनी थी। उस वक्त तक भाजपा का वोट शेयर 21.36 प्रतिशत था। सपा का 11.84, बसपा का 14.13 और कांग्रेस का 2.29 था।वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को लगातार दूसरी बार जीत मिली।वोट शेयर का ग्राफ तेजी से बढ़ा,जोकि 46.18 प्रतिशत हो गया था।सपा-बसपा गठबंधन का 40.49 और कांग्रेस 7.29 था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर संसदीय सीट पर करीब 10 फीसदी गिरा।वजह, भाजपा बबेरू और जनपद चित्रकूट में सदर सीट हार गई थी।दोनों सीट पर सपा काबिज है।विधानसभा चुनाव में 10 प्रतिशत की गिरावट के बाद भाजपा का वोट शेयर 36 प्रतिशत पहुंचा।गिरे वोट प्रतिशत को पार्टी भांप नहीं पाई।वहीं,लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन में सपा का वोट शेयर 37,कांग्रेस का 1.13 और जन अधिकारी पार्टी का 1.88 प्रतिशत था।जोकि कुल 40.01 प्रतिशत रहा। 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के परिणाम आए तो भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा,वोट शेयर चार प्रतिशत और गिर गया।इस प्रकार बीते 5 साल में भाजपा का वोट शेयर 13.65 प्रतिशत गिरा।

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