दिल्ली के ज्वेलरी बाजार पर 10 हजार करोड़ रुपये की धनवर्षा

नई दिल्ली। प्रकाश के पर्व दीपावली व धनतेरस पर दिल्ली के ज्वेलरी बाजारों में करीब 10 हजार करोड़ रुपये के धनवर्षा की उम्मीद लगाई जा रही है। यह कोरोना के बाद सर्वाधिक अनुमान है, जो बुकिंग और पूछताछ के आधार पर है। बाजार के जानकारों के अनुसार सोने की दर में तेजी न होती तो यह मांग 20 हजार करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद होती।

वैसे, अच्छी बिक्री को लेकर पुरानी दिल्ली के थोक ज्वेलरी बाजार कूचा महाजनी और दरीबा कलां के साथ ही नई दिल्ली के करोलबाग के ज्वेलर्स उत्साहित है। विशेष बात कि धनतेरस और दीपावली पर बुलियन के साथ सिक्कों और मूर्तियों की मांग है। इसी तरह कुछ दिन बाद शादियों का मौसम भी आ जाएगा। इसलिए लोग ज्वेलरी भी खूब पसंद कर रहे हैं।

दो दिन मनाया जा रहा धनतेरस
दीपावली पर बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है। सराफा से लेकर, बर्तन व वाहनों के शो रूम तक गुलजार है। इसके साथ पूजा के सामानों से लेकर दीये, गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों के साथ गिफ्ट आइटमों व मिठाईयों की मांग बनी रही। कपड़े, जूते व किराना के सामानों की भी खूब बिक्री हो रही है। जिसे दीपावली की शाम मंगलवार तक होने की उम्मीद है। इस बार धनतेरस दो दिन मनाया जा रहा है।

ऐसे में रविवार को भी सभी बाजार खुले रहेंगे। दिल्ली के ज्वेलरी बाजार को इस धनतेरस-दीपावली तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है। शनिवार को पुरानी दिल्ली के ज्वेलरी बाजार कूचा महाजनी व दरीबा कलां के साथ ही करोलबाग खरीदारों से गुलजार रहे। यह चमक आज भी बरकरार रहेगी।

इस बार सोने-चांदी के सिक्के की है मांग
द बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन, कूचा महाजनी के चेयरमैन योगेश सिंघल ने बताया कि कुछ आज तो कुछ कल बिक्री होगी। इस बार सोने-चांदी के सिक्के, मूर्तियों व बर्तनों के साथ ज्वेलरी की मांग है। इसी तरह पूजा की थाली भी लोग खरीद रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि इस धनतेरस से लेकर दीपावली पर्व तक दिल्ली भर में एक हजार करोड़ रुपये का सराफा कारोबार हो जाएगा। यह कोरोना से बेहतर की स्थिति होगी।

उन्होंने बताया कि कई लोगों ने आर्डर दिया हुआ है और रविवार को खरीदारी करेंगे। धनतेरस पर गहनों और बर्तनों को खरीदना शुभ माना जाता है। सदर बाजार में बर्तनों के थोक बाजार डिप्टीगंज में पैर रखने की जगह नहीं थी। दिनभर लोग खरीदारी करने आते रहे। डिप्टीगंज मार्केट के प्रधान सुधीर जैन कहा कि धनतेरस ने उन लोगों को वर्षों बाद मुस्कुराने का मौका दिया है।

लोगों ने अपनी जरूरत के अनुसार खरीदारी की। इसमें थाली सेट, कापर की हांडी, प्रेशर कूकर व फैंसी बर्तनों की मांग अधिक है। यह मांग रविवार को भी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह जो मांग है कोरोना से पूर्व की जैसी है। कह सकते हैं कि इस बार मार्केट कोरोना महामारी की मार से पूरी तरह से उबर गया है।

खूब जमकर बिके वाहन
धनतेरस पर वाहनों की भी खूब बिक्री हुई। दरियागंज, कनाट प्लेस, करोलबाग, कश्मीरी गेट व राजेंद्र नगर समेत अन्य बाजारों में स्थित दो पहिया व चार पहिया वाहनों के शोरूम खरीदारों से गुलजार रहे। काफी पहले से लोगों ने वाहनों की बुकिंग करा रखी थी। वह लेने आए।

रविवार के लिए भी कई खरीदारों ने बुकिंग करा रखी है। दरियागंज स्थित दो पहिया वाहन शो रूम के सेल्स मैनेजर अभिषेक ने बताया कि शनिवार को 10 से अधिक वाहन बिके, जबकि रविवार को भी इतने ही वाहनों की बुकिंग है। प्रीत विहार में मारूति शोरूम के संचालक दीपक गुप्ता ने बताया कि शनिवार को 30 से अधिक वाहनेां की डिलीवरी हुई है।

खुदरा बाजार भी गुलजार
कनॉट प्लेस व खान मार्केट जैसे खुदरा बाजार भी खरीदारों से गुलजार रहे। यहां के विभिन्न परिधान व जूते ब्रांड के आउटलेट्स पर खरीदारों की भीड़ लगी हुई थी। वहीं, आउटलेट्स 50 प्रतिशत तक छूट की पेशकश कर रहे हैं। इसी तरह दीये, गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति व घर को सजाने व पूजा के सामान की भी मांग रहीं।

स्वदेशी झालरों से जगमग होगी दीपावली
भागीरथी पैलेस में स्वदेशी झालरों की मांग अधिक है। जो 80 रुपये से मिल रही है। इसी तरह कागज के लैंप व इलेक्ट्रिक दीये व मूर्तियां खरीदारों को आकर्षित कर रही है। इनमें से अधिकांश स्वदेशी है। इस क्षेत्र में चीन का वर्चस्व तोड़ने के लिए स्वदेशी उत्पादों के निर्माण पर जोर है। दुकानदार राज करण ने बताया कि दो वर्ष बाद इस बाजार में रौनक है। पिछले वर्ष की तुलना में मांग में 50 प्रतिशत तक का उछाल है।

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