10 जनपदों में शत प्रतिशत पहुंचा रियल टाइम खतौनी का कार्य

सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में तेज प्रगति से आगे बढ़ रहा भूमि अभिलेखों को डिजिटल करने का कार्य

प्रदेश में रियल टाइम खतौनी का कार्य समग्र रूप से 95.7 प्रतिशत तक पूरा, दिसंबर तक शत प्रतिशत होगा कार्य

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आम जनमानस की सुविधा के लिए भूमि अभिलेखों को डिजिटल रूप से सुलभ कराने के लिए राजस्व विभाग तेज गति से कार्य कर रहा है। इन प्रयासों के चलते प्रदेश के 10 जनपद ऐसे हैं, जहां रियल टाइम खतौनी का कार्य लगभग शत प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। इन टॉप 10 जनपदों में से 4 ने 100 प्रतिशत रियल टाइम खतौनी पूर्ण कर ली हैं तो बाकी 6 जनपदों में भी 99 प्रतिशत से ज्यादा कार्य हो चुका है। रियल टाइम खतौनी का कार्य समग्र रूप से 95.7 प्रतिशत पूरा हो चुका है और सबसे खराब प्रदर्शन वाले जनपदों में भी 72 प्रतिशत से ज्यादा कार्य पूरा हो चुका है। उम्मीद है कि राजस्व विभाग दिसंबर 2024 तक सभी जनपदों में शत प्रतिशत खतौनी को डिजिटली सुलभ कराने में सक्षम होगा।

शामली, फर्रूखाबाद, अमेठी और कुशीनगर टॉप पर
जिन जनपदों ने शत प्रतिशत रियल टाइम खतौनी का कार्य पूर्ण कर लिया है उनमें शामली, फर्रूखाबाद, अमेठी और कुशीनगर जैसे जनपद शामिल है। वहीं सुल्तानपुर में 99.94 प्रतिशत, अमरोहा में 99.91 प्रतिशत, मुरादाबाद में 99.91 प्रतिशत, कासगंज में 99.86 प्रतिशत, सिद्धार्थनगर में 99.84 प्रतिशत और अंबेडकरनगर में 99.83 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं सबसे कम कार्य जिन जनपदों में हुआ है, उनमें कानपुर नगर (72.24 प्रतिशत), प्रयागराज (72.50 प्रतिशत), वाराणसी (73.30 प्रतिशत), चित्रकूट (82.24 प्रतिशत), बलरामपुर (84.32 प्रतिशत), मेरठ (87.43 प्रतिशत), कौशांबी (87.43 प्रतिशत), बागपत (87.46 प्रतिशत), जौनपुर (88.68 प्रतिशत) और बहराइच (91.13 प्रतिशत) में भी काफी हद तक कार्य पूर्ण हो चुका है और इन सभी जनपदों को दिसंबर तक कार्य पूरे करने के निर्देश दे दिए गए हैं।

13 जनपदों में तेजी से कार्य के निर्देश
इसके अतिरिक्त करीब 13 जनपद ऐसे हैं, जहां 100 या इससे अधिक ग्राम परिवर्तन के लिए अवशेष हैं। इनमें प्रयागराज में सर्वाधिक 854, जौनपुर में 391, वाराणसी में 377, कानपुर नगर में 302, सीतापुर में 169, बलरामपुर में 159, गोरखपुर में 156, खीरी में 129, फतेहपुर में 125, बहराइच में 120, गोण्डा में 109, कौशांबी में 107 और चित्रकूट में

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