लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा गैर हिंदुओं को जोड़ने की पहल का सुझाव देने के बाद बीजेपी ने अल्पसंख्यकों को जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का फोकस सूफी मुसलमानों पर है। बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा को इस मुहिम की जिम्मेदारी दी गई है। बीजेपी ने इस अभियान से 150 सूफियों को जोड़ा है। ये लोग हर जिले में बीजेपी नेताओं के साथ जाकर संवाद करेंगे। इस अभियान को चलाने से पहले इन सूफी और अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश पदाधिकारियों को गुरुवार को बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में ट्रेनिंग दी गई।
बताएंगे कितना हुआ काम
अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बाशित अली बताते हैं कि इस अभियान से उलमा, मौलाना और सूफी मुस्लिम जोड़े जाएंगे। इसके लिए सूफी समाज भी साथ आया है। उनके साथ बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी, अल्पसंख्यक वर्ग के मंत्री मुस्लिम वर्ग के बीच जाएंगे। वे इस समुदाय का पूर्वाग्रह तोड़ने की कोशिश करेंगे। यह भी बताया जाएगा कि मुसलमानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए बीजेपी की प्रदेश और केंद्र सरकार क्या कर रही है और सरकार की लाभार्थी योजनाओं का फायदा सबसे ज्यादा मुसलमानों को मिला है। बाशित बताते हैं कि इस अभियान को चलाने के पीछे मकसद यह है कि भाजपा की विचारधारा सूफी मुसलमानों के बीच पहुंचे। इस अभियान से अजमेर शरीफ और निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के लोगों को साथ लिया गया है। बीजेपी करीब एक हजार मजारों और दरगाहों पर पहुंचेगी।