स्वामी विवेकानंद जयन्ती (राष्ट्रीय युवा दिवस) के शुभ अवसर पर संस्कृति फाउंडेशन ने आयोजित की युवा संगोष्ठी

  • संस्था द्वारा सैकडों युवाओं को बाँटा गया उपहार

उन्नाव। स्वामी विवेकानंद जयन्ती (राष्ट्रीय युवा दिवस) के शुभ अवसर पर शुक्रवार को देवारा खुर्द स्थित रामेश्वरम सरस्वती शिक्षा निकेतन विद्यालय में संस्कृति फाउंडेशन द्वारा आयोजित युवा संगोष्ठी के साथ ही संस्था द्वारा सैकड़ों युवाओं को उपहार वितरित किया गया इस दौरान युवाओं को स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शो पर चलते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित भी किया गया।

संस्कृति फाउंडेशन द्वारा आयोजित युवा संगोष्ठी में मुख्य अतिथि शुक्लागंज उन्नाव प्रेस क्लब अध्यक्ष मयंक शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्जित करते हुए संगोष्ठी का शुभारंभ किया। युवा संगोष्ठी में स्वामी विवेकानंद जी के जीवन मूल्यों पर संस्था द्वारा प्रकाश डाला गया साथ ही युवाओं से स्वामी विवेकानंद जी से सम्बन्धित सामान्य प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी। जहाँ एक दर्जन विजेता युवाओं को युवा संगोष्ठी के मुख्य अतिथि मयंक शुक्ला जी के द्वारा सम्मानित भी किया गया।

मुख्य अतिथि मयंक शुक्ला जी ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था ज्ञान ही जीवन की आधारशिला है, इसलिए आप सभी शिक्षा ज्ञान के लिए ग्रहण करें और जहाँ भी ज्ञान मिले वंहा से ज्ञान प्राप्त करें ज्ञान प्राप्त करने के लिए कोई विशेष समय या स्थान नहीं होता है साथ ही उन्होंने कहा कि सफ़लता एक मूल मंत्र है समय का पाबंद होना जिसने समय के मूल्यों को समझ लिया समझ लीजिए वह कभी भी पराजित नहीं हो सकता है। वहीं युवाओ को विवेकानंद जी की प्रेरणा दायक कहानी सुनाकर युवाओ को जीवन जीने की शैली भी बताया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि गौरव शर्मा जी ने युवाओ को आध्यात्मिक व सामाजिक अमूल्य विचारों से युवाओ में ऊर्जा का संचार किया।

संगोष्ठी में उपस्थित मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों का प्रतीक चिन्ह देकर संस्था के ऋषि मिश्रा ने सम्मानित करते हुए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अतिथि के रूप मे मौजूद वरिष्ठ पत्रकार अलोक दीक्षित व राहुल त्रिवेदी ने सभी युवाओं का उत्साह वर्धन भी किया। विद्यालय प्रबंधक मनीष कुमार ने सभी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम मे प्रखर दुबे,नैना तिवारी, पारुल यादव, शालिनी द्विवेदी, दिव्या, श्रेया तिवारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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