कैलाशपति मिश्र नहीं होते तो लालू और नीतीश नहीं बनते मुख्यमंत्री : गिरिराज सिंह

बेगूसराय । केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि आज बिहार में अपने को बड़े नेता कहने वाले लालू यादव एवं नीतीश कुमार आरक्षण की बात कर रहे हैं लेकिन बिहार में आरक्षण की शुरुआत में सबसे बड़ा योगदान भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक रहे कैलाशपति मिश्र का है।

मंगलवार को बेगूसराय में आयोजित प्रेसवार्ता में गिरिराज सिंह ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक और भाजपा को वटवृक्ष जैसा विशाल बनाने वाले कैलाशपति मिश्र सामूहिक निर्णय के प्रति हमेशा समर्पित थे। आज लालू यादव एवं नीतीश कुमार पानी पी-पीकर भाजपा की आलोचना कर रहे हैं। लेकिन हमारे नेता कैलाशपति मिश्र नहीं होते तो आज लालू यादव और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनते।

गिरिराज सिंह ने कहा कि 1990 में लालू यादव कैलाशपति मिश्र के कार्यालय में समर्थन मांगने आए थे और उन्होंने समर्थन दिया था। लेकिन आज लालू यादव उसकी चर्चा नहीं करते हैं। कैलाशपति मिश्र ने कर्पूरी ठाकुर के साथ मिलकर समाजिक न्याय का फार्मूला बनाया। जिसमें ओबीसी और ईबीसी के साथ सवर्ण को भी तीन प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, जिसे लालू यादव ने समाप्त कर दिया।

प्लेटफार्म पर सोकर पार्टी को विशाल वृक्ष बनने वाले कैलाशपति मिश्र संत थे। उन्होंने केवल आरक्षण नहीं दिया, बल्कि मंडल कमीशन लागू करने में भी उनकी बड़ी भूमिका थी। उन्होंने लालू यादव को जीवन दिया था, नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। अगर कैलाशपति मिश्र समर्थन नहीं करते तो चपरासी के भाई लालू आज लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव नेता नहीं होते।

सामाजिक समरसता के पुरोधा और प्रतीक कैलाशपति मिश्र सब के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चले, तभी तो बीपी सिंह को भी प्रधानमंत्री बनाया। आज लालू यादव और नीतीश कुमार उनकी बात नहीं करते हैं, यह गलत है। हम सब कैलाशपति मिश्र का जन्म शताब्दी वर्ष मना रहे हैं। इस अवसर पर पांच अक्टूबर को पटना में भव्य समारोह आयोजित कर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा।

गिरिराज सिंह ने बेगूसराय के कटरमाला में डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि आंबेडकर सबके पूज्य हैं। डीएम-एसपी से बात कर मामले की जांच कराई जाएगी। राहुल गांधी पर हमला करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी टुकड़े-टुकड़े गैंग के पुरोधा हैं। जेएनयू जाते हैं तो ”अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं” का नारा लगवाते हैं।

राहुल गांधी के इशारे पर ही जेएनयू के दीवारों पर घृणा भरा शब्द लिखा गया है। लेकिन उनके लिखाए जाने से भारत से सनातन धर्म समाप्त नहीं हो सकता। कोई जातियों में लड़ाकर सनातन को समाप्त नहीं कर सकता है। राहुल गांधी महाराष्ट्र में सरकार के पास दवा नहीं रहने की बात करते हैं। जबकि वहां सभी का इलाज हो रहा है। आखिर राजस्थान में दलित बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और छत्तीसगढ़ मामले पर राहुल गांधी की जुबान बंद क्यों रहती है।

  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश कुमार ने कहा कि जनसंघ के संस्थापकों में से एक और भाजपा को विशाल वटवृक्ष बनाने वाले कैलाशपति मिश्र का शताब्दी जयंती समारोह की पांच अक्टूबर को पटना के बापू सभागार में शुरुआत होगी। एक माह तक चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारंभ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा करेंगे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बताएंगे कि कैलाशपति मिश्र ने भाजपा को किस तरह सींचा। सबसे मिलने में सहज कैलाशपति मिश्र कार्यों के प्रति कड़क थे। राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चला करते थे। आरक्षण का श्रेय कैलाशपति मिश्र को जाता है। नीतीश कुमार और लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाने वाले कैलाशपति मिश्र, हम सबके प्रेरणा स्रोत हैं।

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