इतिहास के पन्नों में 28 मईः नेपाल में राजशाही का अवसान

देश-दुनिया के इतिहास में 28 मई की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारत के पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के राजनीतिक इतिहास के लिए खास है। नेपाल में 240 वर्षों से चली आ रही राजशाही का अंत इसी तारीख को हुआ था।

करीब दस साल तक चले गृहयुद्ध के बाद देश में शाह राजवंश के हाथों से देश की सत्ता जाती रही। इसके बाद माओवादी देश की राजनीति की मुख्यधारा में शामिल हुए। नेपाल के वामपंथी दल को 28 मई 2008 को ही चुनाव में जीत मिली। तब तत्कालीन नेपाल नरेश ज्ञानेंद्र को अपदस्थ कर देश को गणतंत्र घोषित कर दिया गया। हालांकि लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू होने के बाद भी नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता खत्म नहीं हुई है।

नेपाल के इतिहास की बात करें तो यहां की बागडोर गुप्त वंश से लेकर किरात वंशी, सोमवंशी, लिच्छवि और सूर्यवंशी राजाओं के हाथों में रही। नेपाल में कई छोटी-छोटी रियासतें थीं। 1768 में शाह वंश के पृथ्वी नारायण शाह नेपाल की पूर्वी और पश्चिमी रियासतों को जीतकर उन पर हुकूमत करने लगे। अगले करीब 80 सालों तक यहां शाह वंश का राज रहा। साल 1846 में सेना के एक जनरल जंग बहादुर राणा ने तख्तापलट करते हुए खुद को प्रधानमंत्री घोषित कर दिया। कहा कि राणा वंश के लोग प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन राजा शाह वंश का बनेगा। 100 साल तक यह व्यवस्था चली। फिर साल 1951 में शाह वंश ने राणा वंश को प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटाते हुए पूरे सिस्टम पर अपना कब्जा कर लिया। यानी अब राजा और प्रधानमंत्री दोनों शाह वंश के बनने लगे। राणा वंश की पूरी तरह छुट्टी हो गई।

1955 में महेंद्र शाह नेपाल के राजा बने। उन्होंने 1959 में देश का संविधान बदलते हुए कॉन्स्टीट्यूशनल मोनार्की का सिस्टम कर दिया। यानी प्रधानमंत्री का चुनाव होगा और राजा शासन का प्रमुख रहेगा। इसी व्यवस्था के तहत देश में पहली बार आम चुनाव हुए जिसमें नेपाली कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला, लेकिन राजा ने एक साल बाद ही सभी राजनीतिक पार्टियों पर बैन लगा दिया।

अस्सी के दशक के मध्य में राजा के खिलाफ एक जन आंदोलन जोर पकड़ने लगा, जिसकी अगुआई नेपाली कांग्रेस पार्टी कर रही थी। 1990 तक यह विरोध उग्र और हिंसक होने लगा। आखिरकार राजा को बढ़ते विरोध के आगे झुकना पड़ा और अप्रैल 1990 में नए संविधान के तहत नेपाल को फिर से कॉन्स्टीट्यूशनल मोनार्की बना दिया गया और मल्टी-पार्टी डेमोक्रेसी सिस्टम लागू किया गया। अगले ही साल चुनाव हुए और नेपाली कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला। गिरिजा प्रसाद कोइराला प्रधानमंत्री बने। कहने को तो यह सिस्टम प्रजातांत्रिक था, लेकिन असली ताकत अब भी राजाओं के पास ही थी। 1995 में इसी व्यवस्था के खिलाफ नेपाल में गृह युद्ध शुरू हुआ। इस बार आंदोलन की अगुआई माओवादी कर रहे थे। पुष्प कमल दहल प्रचंड उनके नेता थे। इस आंदोलन के दौरान हजारों लोगों की जान गई।

आंदोलन चल ही रहा था कि 2001 में नेपाल के राजपरिवार में बड़ा कांड हुआ। क्राउन प्रिंस दीपेंद्र ने अंधाधुंध गोली चलाकर अपने पिता राजा बीरेंद्र, रानी ऐश्वर्या समेत राजपरिवार के नौ सदस्यों को मार डाला और खुद को भी गोली मार ली। इसके बाद दीपेंद्र के चाचा ज्ञानेन्द्र राजा बने। इस घटनाक्रम के बीच माओवादियों का आंदोलन भी जारी रहा। पुलिस पोस्ट और सेना की चौकियों को निशाना बनाया जा रहा था। फरवरी 2005 में राजा ज्ञानेंद्र ने इमरजेंसी लगाते हुए सारी शक्ति अपने हाथों में ले ली। इससे आंदोलन और भड़क गया। आखिरकार 2006 में राजा को झुकना पड़ा और गिरिजा प्रसाद कोइराला नेपाल के प्रधानमंत्री बने। नवंबर 2006 में एक समझौते के साथ गृह युद्ध का अंत हुआ। अब माओवादी सक्रिय राजनीति का हिस्सा बन गए। उन्होंने अप्रैल 2008 के आम चुनाव में हिस्सा लिया और जीते। 2008 में नेपाल में राजशाही का अंत हुआ। चुनाव के बाद प्रचंड नेपाल के नए प्रधानमंत्री बने। इसके बाद बनी संविधान सभा। 2017 में नया संविधान लागू होने के बाद हुए चुनाव में केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री बने।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1414: खिज्र खान ने दिल्ली की सल्तनत पर कब्जा किया और सैयद वंश के शासन की नींव रखी।

1934: कनाडा के ओंटारियो में ओलिवा और एल्जायर डिओन के यहां पांच बच्चों ने जन्म लिया। इतिहास में यह पहला मौका था जब एक साथ पैदा हुए यह पांचों बच्चे जीवित रहे।

1959: दो अमेरिकी बंदरों ने अंतरिक्ष की सफल यात्रा की।

1961: मानव अधिकारों के संरक्षण और दुनिया को इनके बारे में जागरूक करने के इरादे से लंदन में एमनेस्टी इंटरनेशनल की स्थापना। इसे 1977 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

1967: ब्रितानी नाविक सर फ्रांसिस चिटचेस्टर 65 साल की उम्र में अकेले नाव में दुनिया का चक्कर लगाकर घर पहुंचे।

1970: ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस का औपचारिक तौर पर विभाजन।

1989: मारथाकवली डेविड भारत की पहली और विश्व की दूसरी महिला ईसाई पादरी बनीं।

1996ः रूस आखिरकार चेचेन्या को अधिकतम स्वायत्तता देने पर सहमत।

1998ः बलूचिस्तान की चगाई पहाड़ियों पर पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए।

1999ः तुर्किये में नई गठबंधन सरकार का गठन।

2000ः भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति के. आर. नारायणन छह दिन की राजकीय यात्रा पर चीन पहुंचे।

2002ः नेपाल में फिर आपातकाल लगा।

2008ः तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में कार्यरत पांच न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया।

2008ः नेपाल में 240 साल पुरानी राजशाही का अवसान।

2008: अमेरिका ने पाकिस्तान परस्त आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के चार नेताओं पर वित्तीय प्रतिबंध लगाया।

जन्म

1883ः भाषाविद्, बुद्धिवादी, कवि, अप्रतिम क्रांतिकारी, दार्शनिक और ओजस्वी वक्ता स्वातंत्र्य वीर सावरकर।

1908: जासूसी उपन्यास जेम्स बॉन्ड के लेखक इयान फ्लेमिंग।

1921ः भारतीय राजनीतिज्ञ और गोरखनाथ मठ के पूर्व पीठाधीश्वर महन्त अवैद्यनाथ।

1923ः प्रसिद्ध अभिनेता एवं तेलुगु देशम पार्टी के संस्थापक एनटी रामाराव।

1940ः प्रसिद्ध साहित्यकार प्रयाग शुक्ल।

1952ः भारत के प्रथम लोकपाल पिनाकी चन्द्र घोष।

निधन

1954ः प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी विजय सिंह पथिक।

1964ः भारतीय सिनेमा के अग्रणी निर्माता-निर्देशक महबूब खान।

2005ः प्रसिद्ध साहित्यकार गोपाल प्रसाद व्यास।

महत्वपूर्ण दिवस

-स्वातंत्र्य वीर सावरकर की जयंती।

-एमनेस्टी इंटरनेशनल डे।

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