इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित हुए सुपरस्टार शाहरुख खान

नई दिल्ली। स्वयं को हर दौर का भारतीय कहने वाले सुपरस्टार शाहरुख खान ने पिछले पांच वर्ष में उनके सामने आई व्यक्तिगत और पेशेवर चुनौतियों के बारे में अंतत: खुलकर बात की। पिछले साल ‘पठान’, ‘जवान’ और ‘डंकी’ जैसी तीन हिट फिल्मों के साथ बड़े पर्दे पर शानदार वापसी करने वाले अभिनेता शाहरुख खान बुधवार शाम सीएनएन-न्यूज18 इंडियन ऑफ द ईयर 2023 चुने गए। उन्होंने कहा कि “मैं स्वयं को इस वर्ष का भारतीय महसूस नहीं करता। मुझे लगता है कि मैं पिछले सभी वर्षों का भारतीय रहा हूं। मैं आने वाले सभी वर्षों के लिए भारतीय रहूंगा। मैं वास्तव में सभी दौर का भारतीय हूं।”

उन्होंने दर्शकों को बड़ी संख्या में उनकी फिल्में देखने जाने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा “आपमें से कुछ को ये (फिल्में) पसंद भी नहीं आई होंगी, लेकिन मुझे उम्मीद है कि अंदर से आप मेरा और मेरे परिवार का समर्थन करने के लिए वहां आए होंगे। मैं आपको नमन करता हूं और मेरे परिवार में खुशी लाने और मुझे एक बार फिर स्टार बनाने के लिए धन्यवाद देता हूं।”


शाहरुख ने यह पुरस्कार अपने परिवार को समर्पित किया, जो हाल के दिनों में काफी उतार-चढ़ाव से गुजरा है। वर्ष 2018 में “जीरो” की रिलीज के बाद शाहरुख ने ब्रेक ले लिया था क्योंकि उनकी कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थीं। कठिन समय भी आया जब उनके बड़े बेटे आर्यन खान को 2021 में मुंबई क्रूज़ नशीले पदार्थों के मामले में गिरफ्तार किया गया और उसे 22 दिन जेल में बिताने पड़े। इस दौरान परिवार मीडिया की सुर्खियों में आ गया था। 2022 में आर्यन को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।

58 वर्षीय शाहरुख ने बताया कि कैसे उस समय जिंदगी ने उन पर आघात किया जब वह पेशेवर मंदी से गुजर रहे थे। उन्होंने बताया “पिछले चार-पांच साल मेरे और मेरे परिवार के लिए थोड़े कठिन रहे हैं। मुझे यकीन है कि आपमें से कुछ लोगों के लिए भी कोविड के कारण कठिन रहे होंगे। मेरी ज्यादातर फिल्में फ्लॉप हो गईं, कई विश्लेषकों ने मेरी खात्मे की खबर लिखनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, “व्यक्तिगत स्तर पर कुछ परेशान करने वाली और अप्रिय चीजें भी हुईं, जिससे मुझे सबक मिला, चुप रहो और गरिमा के साथ कड़ी मेहनत करो।” उन्होंने स्वयं को एक आधुनिक अभिनेता की तरह “प्रचंड” बताया, जो कभी-कभी गलत निर्णय लेता है, शाहरुख ने कहा कि उनका मानना ​​है कि अच्छाई करने से अच्छाई मिलती है।


शाहरुख ने आगे कहा “मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो आशावान है और सुखद कहानियां सुनाता है। मैं जिन नायकों की भूमिका निभाता हूं वे अच्छे काम करते हैं, वे आशा और खुशी देते हैं। अगर मैं एक बुरे व्यक्ति की भूमिका निभाता हूं, तो मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि वह बहुत कष्ट सहे, ताकि वह कुत्ते की मौत मरे। क्योंकि मेरा मानना है कि अच्छाई से अच्छाई पैदा होती है और बुराई पर पीछे से लात पड़नी चाहिए।” “ओम शांति ओम” के लोकप्रिय संवाद “पिक्चर अभी बाकी है, मेरे दोस्त” का हवाला देते हुए शाहरुख ने कहा कि परीक्षा के समय में व्यक्ति आशावादी, प्रसन्न और एक ईमानदार कहानीकार बनने की जरूरत होती है।

उन्होंने कहा कि जब आप सोचते हैं कि सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है तो जिंदगी आकर रायता बिखेर देगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में व्यक्ति को एक आशावादी, प्रसन्न और ईमानदार कहानीकार बनने की ज़रूरत होती है। उन्होंने कहा कि इसे कहानी का अप्रत्याशित बदलाव की तरह माने और यह सौ फीसदी मानकर चले कि कहानी का अंत ऐसा नहीं होता। ‘पिक्चर अभी बाकी है।’ शाहरुख ने कहा कि पिछले साल जनवरी में “पठान” की रिलीज से पहले वह डरे हुए थे क्योंकि वह सिर्फ फिल्म बनाना ही जानते हैं। उन्होंने मजाक में कहा कि महामारी के दौरान उन्होंने इटालियन व्यंजन बनाना सीखा ताकि यदि उनका फिल्मी करिअर नहीं चला तो इसमें हाथ आजमा सकते हैं।

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