ग्रेटर नोएडा। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का 8वां देश है, जहां ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री से जुड़ा यह भव्य आयोजन हो रहा है। मैं कह सकता हूं कि आप सही समय पर सही जगह पर हैं। 21वीं सेंचुरी के भारत में द चिप्स आर नेवर डाउन और सिर्फ इतना ही नहीं, आज का भारत दुनिया को भरोसा देता है, व्हेन द चिप्स आर डाउन, यू कैन बेट ऑन इंडिया। मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर की दुनिया से जुड़े आप लोगों का नाता डायोड्स से जरूर पड़ता है। डायोड में एनर्जी सिर्फ एक डायरेक्शन में जाती है लेकिन भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में स्पेशल डायोड लगे हुए हैं। यहां हमारी एनर्जी दोनों डायरेक्शन में जाती है। यह भी बहुत रोचक है। आप इनवेस्ट करते हैं और वैल्यू क्रिएट करते हैं, वहीं सरकार आपको स्टेबल पॉलिसी और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस देती है। सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड सर्किट से जुड़ी हुई है। भारत भी आपको एक इंटीग्रेटेड इकोसिस्टम देता है।
स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को बनाएंगे सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री रेडी
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत के डिजाइनर्स और उनके जबर्दस्त टैलेंट को तो आप भलीभांति जानते हैं। डिजाइनिंग की दुनिया में 20 प्रतिशत टैलेंट का योगदान भारत करता है और इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। हम 85 हजार टेक्नीशियंस, इंजीनियर्स और आरएंडडी एक्सपर्ट्स की सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स तैयार कर रहे हैं। भारत का फोकस अपने स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री रेडी बनाने पर है। हाल ही में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की पहली बैठक हुई है। इस फाउंडेशन से भारत के रिसर्च इकोसिस्टम को एक नई दिशा भी मिलेगी, नई ऊर्जा भी मिलेगी। इसके अलावा भारत में वन ट्रिलियन रुपये का स्पेशल रिसर्च फंड भी बनाया गया है। ऐसे इनीशिएटिव से सेमीकंडक्टर और साइंस सेक्टर में इनोवेशन का दायरा बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है।
भारत में लास्ट माइल डिलीवरी सुनिश्चित करने में यह छोटी सी चिप बड़े काम आ रही है
सेमीकंडक्टर को लेकर भारत सरकार की नीतियों और निवेशकों की सहूलियत पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके पास एक थ्री डायमेंशनल पावर भी है। पहली, भारत की आज की रिफॉर्मिस्ट गवर्नमेंट। दूसरा, भारत में ग्रोइंग मैन्युफैक्चरिंग बेस और तीसरा, भारत का एस्पिरेशनल मार्केट। एक ऐसा मार्केट जो टेक्नोलॉजी का टेस्ट जानता है। उन्होंने कहा कि भारत की एस्पिरेशनल और टेक ओरिएंटेड सोसायटी बहुत ही यूनीक है। भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी भर नहीं है, हमारे लिए यह करोड़ों एस्पिरेशंस को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का बहुत बड़ा कंज्यूमर है। इसी चिप पर हमने दुनिया का सबसे बेहतरीन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्ड किया है। भारत में लास्ट माइल डिलीवरी सुनिश्चित करने में आज यह छोटी सी चिप बड़े काम आ रही है। कोरोना जैसे महासंकट में जब दुनिया के मजबूत से मजबूत बैंकिंग सिस्टम भी चरमरा गए तब भारत में बैंक बिना रुके चल रहे थे। भारत का यूपीआई हो, रूपे कार्ड हो, डिजिलॉकर से लेकर डिजीयात्रा तक अलग-अलग तरह के डिजिटल प्लेटफॉर्म भारत के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। आज भारत आत्मनिर्भर होने के लिए हर सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ा रहा है। आज भारत बड़े पैमाने पर ग्रीन ट्रांजिशन कर रहा है। आज भारत में डेटा सेंटर की डिमांड लगातार बढ़ रही है, यानि ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को ड्राइव करने में भारत बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।