—काशी पुराधिपति से भारत की अखंडता और सुरक्षा के लिए प्रार्थना
वाराणसी। विजयादशमी पर्व पर शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में पहली बार शैव शस्त्रों की विधि विधान से पूजा मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण की अगुवाई में की गई। शस्त्रों की पूजा अर्चना के बाद उपस्थित लोगों ने महादेव से भारत की अखंडता और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। शस्त्रों की पूजा के बाद मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि विजयादशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म की स्थापना की। शस्त्र पूजन के माध्यम से हम शस्त्रों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं और उन्हें धर्म, सुरक्षा और सद्भावना के लिए उपयोग करने की प्रेरणा लेते हैं। इस आयोजन ने न केवल सांस्कृतिक धरोहर को सहेजा, बल्कि समाज में एकता और जागरूकता का संदेश भी दिया। विजयादशमी का यह पर्व सभी को प्रेरित करता है कि वे अपने जीवन में सच्चाई, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलें।