नई दिल्ली । 143 सांसदों के निलंबन के खिलाफ गुरुवार को INDIA गठबंधन के दलों ने संसद से विजय चौक तक विरोध मार्च निकाला।विरोध मार्च में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे,NCP प्रमुख शरद पवार,कांग्रेस सांसद शशि थरूर,NCP सांसद सुप्रिया सुले समेत कई बड़े नेता शामिल हुए है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ये प्रदर्शन सरकार के खिलाफ है। सरकार, PM मोदी और सदन के मुखिया नहीं चाहते कि सदन चले… हम चुने हुए सदस्य हैं और लोगों की भावनाओं को संसद में बताना सांसदों का कर्तव्य होता है जो हम कर रहे थे… सुरक्षा में उल्लंघन कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इसके बारे में आपको सदन को बताना चाहिए… अगर आप सदन में नहीं बोलेंगे तो कहां बोलेंगे? लेकिन ये दुर्भाग्यवश है कि अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी भी वहां(सदन में) नहीं आए… वे(प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) वाराणसी में बात करते हैं, अहमदाबाद में बात करते हैं, रेडियो और टीवी पर बात करते हैं लेकिन सदन में बात नहीं करते हैं। NCP प्रमुख शरद पवार का कहना है हम हमेशा संस्थाओं का सम्मान करते हैं…संसद में जो हुआ वह देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। 150 सांसदों को सदन से बाहर करने का ऐतिहासिक काम किया गया है। जिनकी सिर्फ एक ही मांग थी कि सरकार की ओर से बयान दिया जाए कि जो लोग सदन के सदस्य नहीं थे वो सदन में कैसे आए… उन्हें पास किसने जारी किया?यह संसद का अधिकार है. मिमिक्री विवाद पर उन्होंने कहा अगर कोई संसद के बाहर कुछ करता है तो उसे यहां तक ले जाना कि अगर कोई मेरे खिलाफ कुछ कहता है और मैं कहूं कि यह मराठों और किसानों का अपमान है… मैं ऐसा कभी नहीं कहूंगा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, संसदीय लोकतंत्र में हम ऐसी स्थिति देख रहे हैं जिसमें सरकार, जिसकी जिम्मेदारी संसद चलाने की है, अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं ले रही है… सरकार ने जो किया वह अस्वीकार्य था और उन्होंने संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं का सम्मान नहीं किया… जब सांसदों ने गृह मंत्री की उपस्थिति और मुद्दे पर चर्चा की मांग की तो उन्हें संसद से निलंबित कर दिया गया।
NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ये लोकतंत्र की हत्या है और संविधान का अपमान है। ये देश संविधान से चलता है। जिस तरह से 140 सांसदों को निकाला गया है ये गलत है। मैं इसका निषेध करती हूं। ऐसा लग रहा है कि इस देश में इमरजेंसी है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार देश में संसदीय लोकतंत्र की “हत्या” के विरोध में इंडिया ब्लॉक के नेता 11 बजे विजय चौक तक मार्च निकाला। बुधवार को दो और सांसदों को शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया, जिससे निलंबित सांसदों की कुल संख्या 143 हो गई है। मंगलवार को 49 लोकसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया। सोमवार को लोकसभा ने 33 और राज्यसभा के 45 सांसदों को निलंबित कर दिया था। 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन पर विस्तृत चर्चा की मांग के बाद कुल 13 लोकसभा सांसदों और एक राज्यसभा सांसद को शेष शीतकालीन सत्र के लिए 14 दिसंबर को निलंबित कर दिया गया था। 13 दिसंबर को 2001 के संसद आतंकी हमले की 22वीं बरसी के मौके पर शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थेे। दो लोगों को संसद के अंदर से जबकि दो को बाहर से पकड़ा गया। बाद में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया। विपक्षी गुट ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की भी योजना बनाई है। विपक्षी सांसदों की 143 सांसदों के निलंबन के खिलाफ 22 दिसंबर को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन और संसद की ओर मार्च करने की योजना है।