सरकारी योजनाओं का मिला साथ तो बनी बात

अलीगढ़ : हरित क्रांति के सुखद आगाज की तस्वीरें खेतों में नजर आ रही हैं। सरकारी योजनाओं के सहारे किसान न सिर्फ अपना संकल्प पूरा कर रहे हैं बल्कि, नवाचार की सुनहरी तस्वीर भी दिखा रहे हैं। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से संगठित हुए किसानों ने नए आयाम गढ़े हैं। एफपीओ शक्ति फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का व्यापार पिछले तीन वर्ष में 25 गुणा बढ़ा है। एफपीओ निदेशक बबलू शर्मा ने अपना ब्रांड बनाकर बाजार में कृषि उत्पाद उतारे हैं। अब इनके निर्यात की तैयारी है।

उप्र में अलीगढ़ जनपद की तहसील अतरौली के गांव चाऊपुर होज के किसान बबलू शर्मा ने सितंबर, 2021 में 10 किसानों को जुटाकर एफपीओ (शक्ति फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी) का गठन किया था। तब 25-30 हेक्टेयर में खेतीबाड़ी थी। धीरे-धीरे अन्य किसान भी एफपीओ से जुड़ते गए। अब इस समूह में 400 किसान हैं, जो 800 हेक्टेयर में गेहूं, धान, बाजरा, सब्जियां, दहलन व तिलहन की फसलें उगा रहे हैं।

बबलू बताते हैं कि एफपीओ में सभी किसानों की हिस्सेदारी है। बाजार से अधिक मूल्य पर किसानों से कृषि उत्पाद खरीद कर बड़े व्यापारी व कंपनियों को बेचा जाता है। कृषि कार्य के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र खरीदकर किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं। उच्च कोटि के बीज और खाद भी दिया जाता है। कृषि अधिकारी व कृषि विज्ञानी समय-समय पर फसलों का निरीक्षण करते हैं। किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। वे बताते हैं कि शुरुआत में दो लाख रुपये का सालाना टर्नओवर था, जो बढ़कर 50 लाख रुपये के करीब पहुंच गया है।

निर्यात की तैयारी
एफपीओ ने कृषि उत्पाद के निर्यात की तैयारी कर ली है। डायरेक्टर जनरल आफ फारेन ट्रेड (डीजीएफटी) व एग्रीकल्चर एंड प्रोसीड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथारिटी (एपीडा) से लाइसेंस मिल चुका है। डीजीएफटी के लाइसेंस पर किसी भी देश में निर्यात किया जा सकता है। जबकि, एपीडा सोर्स बताता है। किस देश में डिमांड है, एपीडा से ही जानकारी मिलती है। बबलू कहते हैं कि जल्द ही निर्यात क्षेत्र में आएंगे। किसानों का और अधिक लाभ होगा।

बाजार में उतारा उत्पाद
किसान समूह ने शक्ति एफपीओ, नाम से बाजार में कृषि उत्पाद उतारा है। आटा, चावल, बेसन, तेल, बाजरा आदि उत्पाद बाजार में हैं। अन्य जिलों में भी सप्लाई होती है। किसान इनकी आनलाइन मार्केटिंग कर रहे हैं।

अनुदान पर मिले कृषि यंत्र
एफपीओ को 40 से 50 प्रतिशत सरकारी अनुदान पर कृषि यंत्र मिले हैं। इनमें ट्रैक्टर, रोटावेटर, सुपर सीडर, ट्रिलर, मल्टी प्लाऊ, जीरो ड्रिल आदि हैं। कृषि कार्य के लिए किसानों को ये यंत्र निश्शुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं।

एफपीओ के माध्यम से किसान उचित मूल्य में कृषि उत्पाद बेच रहे हैं। सरकारी योजनाओं में एफपीओ को प्राथमिकता दी जाती है। अनुदान पर कृषि यंत्र, बीज, खाद आदि के अलावा सीड्स प्लांट, फ्लोर मिल, मिलेट मिल, प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए भी सरकार सहयोग कर रही है।

यशराज सिंह, उप कृषि निदेशक

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