लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार को राज्य सरकार ने विपक्ष के सवाल का उत्तर देते हुए बताया कि जातीय गणना कराना केंद्र सरकार के क्षेत्र में आता है। यह राज्य सरकार का विषय नहीं है। इस पर सपा ने सदन का वाकआउट कर दिया।
समाजवादी पार्टी के विधायक डॉ. संग्राम यादव ने प्रश्नकाल के दौरान सवाल पूछा कि क्या सरकार प्रदेश में जातीय जनगणना पर विचार करेगी। यदि नहीं तो क्यों ? अनुपूरक सवाल के तौर पर उन्होंने पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर 75% आरक्षण देने का सरकार विचार करेगी ?
विपक्ष के सदस्य संग्राम सिंह यादव के सवाल पर सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि जनगणना कराने के लिए संविधान में व्यवस्था दी गई है। संविधान के तहत जनगणना केंद्र का काम है। रही बात पड़ोसी राज्य में जातीय गणना कराने की तो विपक्ष के सदस्य को यह बताना चाहूंगा कि वहां कोई भी जातीय गणना नहीं की गई है। सर्वेक्षण हुआ है। जनगणना कराना केंद्र सरकार का काम है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी के सदस्य हंगामा करने लगे। नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए।
विधान परिषद में भी उठ चुका है यह मुद्दा
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बुधवार को विधान परिषद में भी यह मुद्दा उठा थ। समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने इस पर जमकर हंगामा किया था। परिषद में जवाब देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि हम जातीय गणना के पक्ष में हैं। हमारा जातीय गणना से कोई विरोध नहीं है लेकिन यह केंद्र सरकार के दायरे में आता है। उन्होंने विपक्ष के सदस्यों से सवाल किया कि जब वे लोग सत्ता में थे तो जातीय गणना क्यों नहीं कराए। मीडिया से मुखातिब केशव प्रसाद मौर्य ने आज एक बार फिर अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग सत्ता में थे तो उस वक्त उन्होंने जातीय गणना क्यों नहीं कराई थी।