प्रयागराज। संगम नगरी में लगने वाले 2025 महाकुंभ से पहले प्रयागराज एयरपोर्ट का पुनर्विकास विकास करना है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कार्य शुरू हो गया है। मौजूदा बिल्डिंग के साथ ही एक नई बिल्डिंग बनाई जाएगी। एयरपोर्ट का आकार और सुविधाएं भी बढ़ जाएंगी।
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप यहां नई व्यवस्थाएं जल्द ही आकार लेने लगेंगी। इससे संगम नगरी से नए विमानों के संचालन के लिए भी रास्ता खुल जाएगा। प्रयास किया जा रहा है कि देश के लगभग हर हिस्से को महाकुंभ के दौरान प्रयागराज से जोड़ दिया जाए, इससे महाकुंभ के दौरान लोगों का संगम नगरी पहुंचना आसान हो जाएगा।
नई व्यवस्थाओं को लागू करने के लिए बदलाव
एयरपोर्ट पर एक साथ 1350 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी। वर्तमान टर्मिनल बिल्डिंग के पुनर्विकास के लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। एयरपोर्ट पर यात्रियों की बैठने की क्षमता, टर्मिनल में प्रवेश करने के द्वार समेत सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। यह बदलाव नई व्यवस्थाओं को लागू करने के लिए किया जा रहा है। अभी 270 यात्रियों के आने व इतने ही जाने वाले यात्रियों के एक साथ एयरपोर्ट पर बैठने की व्यवस्था है।
स्थानांतरित किया जाएगा एक नंबर गेट
पुनर्विकास के बाद यहां पर 675 यात्रियों के आने व इतने ही जाने वाले यात्रियों की व्यवस्था होगी। यानी अधिक संख्या में यहां पर यात्री बैठ सकेंगे। एयरपोर्ट पर अभी जाने के लिए जो एक नंबर गेट मिलता है, इसके लिए भी नया प्रस्ताव तैयार किया गया है।
एक नंबर गेट को स्थानांतरित किया जाएगा। मौजूदा 11 चेकिंग काउंटर की संख्या बढ़ाकर 18 की जाएगी। अभी प्रथम तल पर मौजूद एयरपोर्ट निदेशक के कार्यलय, मीटिंग हाल आदि को स्थानांतरित किया जाएगा। यानी कुछ दिनों बाद यह चीजें एयरपोर्ट पर इस स्थान पर नहीं होंगी, जहां पर अभी हैं।
इस स्थान पर एक नई छत डाली जाएगी। इस छत का इस्तेमाल एयरपोर्ट पर दो तरीके से होगा। इसमें प्रथम तल पर सिक्योरिटी होल्ड एरिया यानी सुरक्षा क्षेत्र बनेगा। यहां एक नया एयरोब्रिज भी बनेगा। जिससे यात्रियों को सुविधा मिल सकेगी।
इसके अलावा, एक नए टर्मिनल भवन के निर्माण पुनर्विकास के बाद शुरू होगा। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज से उड़ानों की संख्या लगभग 20 शहरों से होनी संभावित है। विश्वस्तरीय सुविधाओं के लिए प्रयागराज एयरपोर्ट का 175 करोड़ से पुनर्विकास होगा। अभी यहां एयरोब्रिज की संख्या दो है।
2024 तक पूरी कर ली जाएगी प्रक्रिया
पुनर्विकास में चार नए ब्रिज विकसित होंगे। यह ब्रिज विमान के दरवाजे को हवाई अड्डे के टर्मिनल से जोड़ेंगे। पुनर्विकास की प्रक्रिया भी सितंबर-अक्टूबर 2024 तक पूरी कर ली जाएगी। अभी इंडिगो एयरलाइंस व एलाइंस एयर यहां से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, पुणे, रायपुर, भोपाल, इंदौर, लखनऊ, देहरादून, बिलासपुर के लिए फ्लाइट उपलब्ध करा रहे हैं।