नेहरू ने क्यों किया था संविधान में संशोधन… कांग्रेस का PM को जवाब

देश में इस समय संविधान को लेकर बहस छिड़ी हुई है. कांग्रेस की तरफ से बीजेपी पर संविधान बदलने के आरोप लगाए जाते हैं, तो बीजेपी की तरफ से संविधान में हुए के मामले उठाए जाते हैं. शनिवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान पर चर्चा का जवाब दिया.

उन्होंने कहा था कि पंडित नेहरू ने संविधान बदलने के लिए मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी तक लिखी थी. अब इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जवाब दिया है. इस जवाब में जयराम ने बताया कि क्यों और कैसे जवाहर लाल नेहरू ने संविधान संशोधन किया था. इसके साथ ही जयराम ने पीएम मोदी को आज के मामलों पर बात करने की सलाह दी है

नेहरू ने इन 3 वजहों से किया था संविधान में बदलाव
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कल लोकसभा में अपने भाषण में, प्रधानमंत्री ने भारत के संविधान में हुए पहले संशोधन को लेकर नेहरू पर अटैक किया – जो 18 जून 1951 से लागू किया गया था.यह संशोधन 3 कारणों से किया गया था.

उन्होंने कारण गिनाते हुए लिखा कि पहला उद्देश्य, बेहद संवेदनशील समय में सांप्रदायिक प्रोपेगेंडा से निपटना था. दूसरा, जमींदारी उन्मूलन कानूनों की रक्षा करना, जिन्हें अदालतें रद्द कर रही थीं.तीसरा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और OBC के लिए शिक्षा और रोज़गार में आरक्षण की रक्षा करना, जिसे अदालतों ने ख़ारिज़ कर दिया था.

सरदार पटेल जीवित होते तो खुद प्रथम संशोधन का समर्थन करते- जयराम
जयराम रमेश ने लिखा कि एक प्रवर समिति ने विधेयक की विस्तार से जांच की. इस समिति के सदस्यों में नेहरू, राजगोपालचारी और डॉ. अम्बेडकर थे. प्रवर समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट पेश करने के बाद भी नेहरू ने अपने आलोचकों की बात सुनी और अपना रुख बदला.

उन्होंने लिखा कि इससे पहले 3 जुलाई 1950 को सरदार पटेल ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे लोगों के प्रति अपनी निराशा व्यक्त करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध की आवश्यकता को लेकर नेहरू को पत्र लिखा था. इस पत्र से पता चलता है कि यदि सरदार पटेल जीवित होते तो खुद प्रथम संशोधन का समर्थन करते.

जयराम ने आगे लिखा और कहा कि ग्रैनविले ऑस्टिन की शानदार पुस्तक ‘वर्किंग ए डेमोक्रेटिक कॉन्स्टिट्यूशन’ में 1980 तक किए गए, संशोधनों की पूरी कहानी है. एंटायर पॉलिटिकल साइंस में MA करने वाले या उनके चीयरलीडर्स से इसे पढ़ने की उम्मीद नहीं की जा सकती है.

संसद में क्या बोले थे पीएम मोदी
पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के पत्र का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, यह पाप 1951 में हुआ था. उस समय राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने पंडित नेहरू को चेताया था कि वह गलत कर रहे हैं, लेकिन पंडित जी के पास अपना संविधान था, इसलिए उन्होंने किसी की सलाह नहीं मानी. संविधान संशोधन करने का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि समय-समय पर संविधान का शिकार करती रही.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान की आत्मा का खून करती रही. संविधान में कई बार बदलाव किया गया. देश के पहले प्रधानमंत्री ने जो बीज बोया था, उसे दूसरी पीएम ने सींचा, जिनका नाम इंदिरा गांधी था. जब गैर-नीतिगत कारणों से इंदिरा गांधी का चुनाव कोर्ट ने खारिज कर दिया. उन्हें सांसद का पद छोड़ना पड़ा, तब उन्होंने गुस्से में आकर देश पर आपातकाल थोप दिया.

पीएम को आज के बारे में बात करनी चाहिए-जयराम
जयराम रमेश ने पीएम मोदी के संसद वाले भाषण को चुनावी भाषण बताया, उन्होंने कहा कि उन्हें आज के बारे में बात करनी चाहिए. अडानी के मुद्दे पर चुप, किसानों के मुद्दे पर चुप, अलग-अलग राज्यों में फैलाए जा रहे सांप्रदायिक तनाव पर चुप हैं.

उन्होंने आगे कहा कि चीन को दी गई क्लीन चिट आपने उस बारे में कुछ नहीं कहा, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका के साथ हमारे रिश्ते कैसे होने चाहिए, इस बारे में कुछ नहीं कहा. केवल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, आप कब तक इसे जारी रखेंगे. आपको आज के बारे में बात करनी चाहिए.

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