क्यों दिल्ली की झांकी को किया गया खारिज?

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की ओर से केंद्र पर दिल्ली की झांकी को जानबूझकर गणतंत्र दिवस परेड से बाहर करने के आरोप लगाने के बाद रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर जानबूझकर दिल्ली की झांकी को परेड में शामिल न करने का आरोप लगाया है. झांकी चयन की प्रक्रिया एक रोस्टर प्रणाली के तहत होती है, जिसमें हर तीन साल में 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया जाता है.

दिल्ली में 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में इस बार पंजाब की झांकी नजर आएगी. जानकारी के मुताबिक पंजाब समेत 15 राज्यों की झांकी को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. आधिकारिक रक्षा सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय की ओर से गठित एक विशेषज्ञ समिति द्वारा झांकियों का चयन किया गया, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल थे.

मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, 2025 के लिए दिल्ली को शॉर्टलिस्ट किया गया था, लेकिन झांकी चयन समिति ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी. सूत्रों ने बताया कि निर्धारित मानदंडों – थीम, प्रस्तुति और प्रभाव को पूरा न करने के कारण दिल्ली की झांकी को खारिज किया गया है. वहीं, मिजोरम और सिक्किम ने अपने प्रस्ताव नहीं भेजे, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप चयन बैठक में शामिल नहीं हुए. इस साल चयनित राज्यों में पंजाब (जो आम आदमी पार्टी शासित है), आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. रक्षा सूत्रों ने स्पष्ट किया कि झांकी चयन प्रक्रिया पूरी तरह से रचनात्मकता और योग्यता पर आधारित है, न कि किसी राजनीतिक जुड़ाव पर.

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पिछले 20 वर्षों में दिल्ली की झांकी सात बार प्रदर्शित हुई है. इसके अलावा, दिल्ली से अधिक बार झांकियां प्रस्तुत करने वाले पांच अन्य राज्य भी हैं. पूरे विवाद पर रक्षा सूत्रों ने कहा कि झांकी चयन का आधार केवल कला, संस्कृति और प्रस्तावित झांकी की गुणवत्ता है. झांकी चयन प्रक्रिया को लेकर किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह से इनकार करते हुए इसे पूर्णत: पारदर्शी और निष्पक्ष बताया.

रंग-बिरंगी झांकियां दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखेंगी
वहीं, इस बार हरियाणा और चंडीगढ़ की झांकी का भी चयन हुआ है. गणतंत्र दिवस परेड में गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, गोवा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा समेत 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां शामिल होंगी. केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली की झांकी को शामिल किया गया है.

देश के 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान आम आदमी पार्टी द्वारा शासित राज्य पंजाब समेत 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विरासत, इतिहास और वर्तमान से सजी रंग-बिरंगी झांकियां दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखेंगी. सूत्रों ने बताया कि पिछले साल अपनाई गई रोटेशन पॉलिसी के तहत 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को झांकी के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा गया था. इस पॉलिसी के तहत प्रत्येक राज्य को तीन साल में एक बार झांकी प्रस्तुत करने का मौका मिलता है.

यूपी समेत पांच राज्यों को बाद में मिली जगह
उन्होंने कहा कि मिजोरम और सिक्किम ने 15 राज्यों की प्रारंभिक सूची में शामिल होने के बावजूद झांकी प्रस्तुत नहीं कर पाए. साथ ही केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार प्रस्तावों का चयन करने वाली विशेषज्ञ समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, जबकि दिल्ली के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया, जिससे पांच स्थान रिक्त हो गए. बाद में इन्हें गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल की झांकियों से भरा गया.

पिछली बार नहीं हुआ था पंजाब की झांकी का चयन
पिछली बार केंद्र सरकार ने पंजाब की झांकी का चयन नहीं किया था. इसे लेकर विवाद हुआ था. गणतंत्र दिवस परेड 2024 के लिए राज्य की झांकी को रद्द करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंतमान ने कहा था कि सत्ता के नशे में चूर अहंकारी केंद्र सरकार स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों द्वारा स्थापित मिसाल का अनादर कर रही है.

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