ओम प्रकाश राजभर पर कुछ भी बोलने से क्यों बच रही बीजेपी?

लखनऊ: भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं. 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए का दामन छोड़ ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला था. जिसके बाद वह हाल ही में वापसी करते हुए एनडीए में शामिल हुए. फिलहाल घोसी उपचुनाव के दौरान भी वह अपने बड़बोलेपन के कारण बीजेपी प्रत्याशी से ज्यादा चर्चा में रहे. वहीं उपचुनाव में हार के बाद भी वह उत्तर प्रदेश की राज्य मंत्रीमंडल में शामिल होने के लिए पुरजोर कोशिश करते नजर आ रहे हैं.

दरअसल हाल ही में घोसी उपचुनाव के दौरान एनडीए में शामिल सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने विपक्षी पार्टियों को लेकर कई विवादित बयान दिए. वहीं इस दौरान ओपी राजभर के बड़बोलेपन पर बीजेपी की ओर से किसी भी नेता की कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली. वहीं अब उन्होंने यूपी कैबिनेट में शामिल होने के लिए अब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को आगे रखकर पार्टी की प्रदेश इकाई पर निशाना साधा है.

केंद्रीय नेतृत्व को आगे रख प्रदेश इकाई पर साधा निशाना

दरअसल हाल ही में खुद को मंत्री बनाए जाने के सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि एनडीए के मालिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं. जो उनके मंत्री बनने पर फैसला लेंगे. फिलहाल उनका इस तरह से दिया गया बयान विपक्षी पार्टियों के लिए था, लेकिन उनका इशारा कहीं न कहीं बीजेपी की प्रदेश इकाई की ओर भी रहा.

टिप्पणी करने से बचते नजर आए डिप्टी सीएम

एक हिंदी अखबार को दिए गए एक बयान में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से ओपी राजभर के इस तरह के बड़बोलेपन पर जब सवाल किए गए तो वह इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से बचते नजर आए. वहीं इस पर सफाई देते हुए बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अभी तक ओपी राजभर का इस तरह का कोई बयान नहीं देखा है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं.

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