नई दिल्ली। भारत की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति नेगेटिव रही। सितंबर में यह घटकर (-) 0.26 प्रतिशत हो गई, जबकि पिछले महीने यह (-) 0.52 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को ये जानकारी दी
डीफ्लेशन मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में रासायनिक उत्पादों, खनिज तेल, कपड़ा, बुनियादी धातुओं और खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण है। आंकड़ों से पता चला कि थोक मुद्रास्फीति सितंबर में लगातार छठे महीने नेगेटिव जोन में बनी हुई है।
इस साल मार्च में, प्राथमिक वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों, ईंधन और बिजली के साथ-साथ भोजन के सूचकांक में भारी गिरावट के कारण थोक मुद्रास्फीति 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गई थी।