पिछले कुछ समय से दुनियाभर में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की धूम मची है. आज से एक दशक पहले जिस तरह गूगल अचानक लोगों की जरूरत बन गया था. ठीक उसी तरह आज AI भी लोगों की आम जिंदगी का हिस्सा बनता नजर जा रहा है. AI के ऐसे कई टूल्स हैं जो लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो रहे है.
ChatGPT का नाम तो आपने सुना ही होगा, ये भी एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है. यहां आप कोई भी सवाल पूछ लीजिए, आपको उसका लिखित जवाब मिल जाएगा. अगर आपको किसी विषय पर 400 शब्दों का निबंध लिखना हो तो ChatGPT आपको ये तुरंत लिखकर दे देगा. बच्चे इस तरह के टूल का इस्तेमाल अपना होमवर्क करने में सबसे ज्यादा कर रहे हैं. कुछ लोग तो ये भी मानते हैं कि ये Google का रिप्लेसमेंट है.
इतना ही नहीं कुछ दिन पहले ही भारत की पहली AI टीचर की भी खूब चर्चा हुई थी. ऐसा पहली बार हुआ है जब केरल के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाने एक AI रोबोट टीचर पहुंची. सबसे खास बात ये रही कि उस एआई टीचर ने मशीन की तरह नहीं बल्कि एक इंसान की तरह कॉटन की साड़ी पहनी थी. वह हूबहू एक टीचर की तरह ही लग रही थी.
ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि पूरी दुनिया AI पर क्यों निर्भर हो रही है और सुपर पावर देशों की तुलना में भारत कहां है?
पहले समझते हैं कि आखिर ये AI है क्या?
इंसान को धरती का सबसे बुद्धिमान जीव माना जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इंसानी दिमाग किसी भी टास्क को कर सकता है. वहीं जब एक मशीन किसी काम को इंसानों की तरह सोच-समझकर करने लगे तो उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है.
साल 1950 में इसी परिभाषा के साथ किसी मशीन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI माना जाता था. हालांकि समय के साथ विकसित होती टेक्नोलॉजी के साथ मशीन को लेकर इस परिभाषा में भी कई तरह के बदलाव हुए.