नासा को बेन्नू पर मिला पानी..!

Bennu एस्टेरॉयड पर भारी मात्रा में कार्बन और पानी मिला है. NASA के सैंपल रिटर्न मिशन में पता चला कि जो मिट्टी और धूल का सैंपल लेकर ओसाइरिस-रेक्स (OSIRIS-REx) आया था, वह दुनिया के बहुत काम का है. नासा के इस यान ने 1650 फीट चौड़े एस्टेरॉयड का सैंपल लेकर धरती पर भेजा. जांच करने के बाद नासा ने कहा कि इस सैंपल की पहली रिपोर्ट जांच सामने आ चुकी है.

नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा कि ओसाइरिस-रेक्स से मिले सैंपल से पता चलता है कि बेन्नू एस्टेरॉयड में काफी ज्यादा मात्रा में कार्बन कंपाउंड और पानी है. इससे पता चलता है कि यह उल्कापिंड कभी किसी पृथ्वी जैसे ग्रह का हिस्सा रहा होगा. साथ ही ये भी पता चल सकता है कि धरती पर जीवन और पानी क्या किसी उल्कापिंड की टक्कर से आया.

बिल नेल्सन ने कहा कि नासा और उसके वैज्ञानिक यह पता कर रहे हैं कि आखिर बेन्नू पर इतना पानी आया कहां से. मुद्दा ये है कि जिस एस्टेरॉयड से धरती को खतरा है उसमें इतनी ज्यादा मात्रा में पानी है. ये कोई वैज्ञानिक सोच भी नहीं सकता था.

159 साल बाद यही उल्कापिंड टकराएगा धरती से

आपको बता दें कि बेन्नू उल्कापिंड 159 साल यानी 24 सितंबर 2182 में धरती से टकरा सकता है. इसकी टक्कर से 22 परमाणु बमों के विस्फोट जितनी तबाही मचेगी. इससे बचने के लिए ही नासा ने OSIRIS-REx मिशन को लॉन्च किया था. ताकि उसकी मिट्टी के सैंपल से यह पता किया जा सके, वो कितना मजबूत उल्कापिंड है. उसे मिसाइल से अंतरिक्ष में उड़ाया जा सकता है. या दिशा बदलने के लिए किसी यान या हथियार को अंतरिक्ष में भेजने की जरुरत है.

लंबी यात्रा करके सैंपल लिया, फिर लौटा धरती पर

ओसाइरिस-रेक्स यानी OSIRIS-REx का पूरा नाम है ओरिजिंस, स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन एंड सिक्योरिटी रिगोलिथ एक्सप्लोरर. यह अमेरिका का पहला मिशन है, जिसे उल्कापिंड का सैंपल लाने के लिए भेजा गया था. इसने तीन साल पहले Bennu से सैंपल जमा किया था. तब से ये धरती की तरफ लौट रहा था. 45 किलोग्राम के कैप्सूल में करीब 250 ग्राम सैंपल था.

टक्कर जब होगी तब तगड़ी ही होगी

OSIRIS-REx के प्रोजेक्ट मैनेजर रिच बर्न्स ने कहा कि हमनें सात साल पहले इस यान को बेन्नू से सैंपल लाने भेजा था. ये बात अलग है कि बेन्नू के टकराने से जो नुकसान होगा वो बेहद भयानक होगा. लेकिन उसकी संभावना 2700 में एक ही है. बेनू उस उल्कापिंड से 20 गुना कम चौड़ा है, जिसने डायनासोरों को पृथ्वी से खत्म कर दिया था. लेकिन अगर यह टकराया तो तबाही बड़ी होगी. चाहे जमीन से टकराए या फिर समुद्र में गिरे.

इससे पूरी दुनिया से कई जीवों की आबादी खत्म हो सकती है. इसकी टक्कर से बनने वाला गड्ढा करीब 10 किलोमीटर चौड़ा होगा. इसकी वजह से टक्कर वाली जगह के चारों तरफ करीब 1000 किलोमीटर तक कुछ भी नहीं बचेगा. लेकिन अगर यह समुद्र में गिरा तो तबाही ज्यादा हो सकती है, क्योंकि इसकी टक्कर से उठने वाली सुनामी लहर आसपास के द्वीपों या देश में भयानक तबाही मचा सकती है.

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