नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करना काफी लोगों को पसंद है। इसमें रिटेल निवेशकों के बीच एसआईपी (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) काफी लोकप्रिय है।
बता दें कि एसआईपी में निवेशक एक लंबे समय तक एक फिक्सड अमाउंट ईटीएफ और म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
इसमें निवेशकों को कंपमाउंडिंग का लाभ मिलता है। एसआईपी की तरह एक एसटीपी (सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान, STP) भी निवेशकों के लिए ऑप्शन है। इसमें निवेशक को एकमुश्त राशि का निवेश करना होता है।
निवेश के बाद निवेशक इसे रेगुलर इंटरवल पर इक्विटी स्कीम्स में ट्रांसफर कर सकता है। इस दोनों स्कीम में आप एक म्यूचुअल फंड से दूसरे म्यूचुअल फंड में राशि ट्रांसफर कर सकते हैं।
एसआईपी vs एसटीपी कौन-सा है बेस्ट ऑप्शन
एसआईपी और एसटीपी में काफी अंतर है। इन दोनों में निवेश का मकसद काफी अलग होता है। एसआईपी में निवेश का मतलब होता है कि अस समय में निवेश राशि को बढ़ा करना, वहीं एसटीपी में अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में निवेश करने से निवेशकों को अतिरिक्त लाभ मिलता है।
हालांकि, हम एसआईपी और एसटीपी के रिटर्न की तुलना नहीं कर सकते हैं। इन दोनों में निवेशकों को रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का लाभ मिलता है। इसमें निवेशक को बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।
एसआईपी उन निवेशकों के लिए काफी अच्छा ऑप्शन है जो एकमुश्त निवेश कर सकते हैं। वहीं, एसटीपी में उन्हें निवेश करना चाहिए जो एक बार में निवेश करने से हिचकिचाते हैं।
इसका मतलब है कि इन दोनों में निवेश का फैसला निवेशक के गोल पर निर्भर करता है। ऐसे में निवेशक को फाइनेंशियल प्लान के आधार पर ही कोई ऑप्शन सिलेक्ट करना चाहिए।