मुर्दे भी कर रहे मनरेगा में मजदूरी अहमद हसन

बदायूँ : मनरेगा के अंतर्गत बेहटा डम्बर नगर गांव में कराए जा रहे कार्यों में धांधली की लगातार शिकायतें होती है लेकिन ग्राम प्रधान और सचिव एन-केन कारण अपने आप को बचाने में सफल हो जाते हैं। जिससे इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है!
सरकार ने गांव से लोगों का पलायन रोकने के लिए मनरेगा की योजना लागू की थी, जिससे गांव के मजदूरों को गांव में ही काम मिल सके लेकिन ग्राम प्रधान मुहम्मद शफी और सचिव की मिलीभगत से इस योजना में बड़े पैमाने पर धांधली भी हो रही है। सरकारी धन हड़पने के लिए मृतकों, वृद्ध और अपात्र लोगों के नाम मस्टररोल में भरकर लाखों रुपए का बंदरबांट किया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण बेहटा डम्बर नगर गांव है, जहां मस्टररोल में मुर्दों के नाम भी भरकर उन्हें मजदूरी करते हुए दिखाकर उनके नाम का पैसा हड़प किया जा रहा है।

इसके कुछ जीते-जागते प्रमाण भी हैं। जैसे एजाज पुत्र आजाद की मृत्यु 03 मई 2017 को होगयी थी। । मृत्यु होने के बाद भी एजाज के दो जाब कार्ड है अर्थात मृतक एजाज दो जगह मनरेगा में काम करता है। उनका पहला जॉब कार्ड संख्या 55 है। मृतक एजाज अपने जॉब कार्ड संख्या 55 में दिनांक 23/12/2021 से 28/11/2022 तक मनरेगा के कार्यों में मजदूरी कर रहा हैं, जिनके नाम से लगातार मजदूरी का पैसा निकाला जा रहा है। मृतक एजाज का पैसा प्रधान मुहम्मद शफी का नाती आलमगीर जिसकी आयु 12 साल है बह 16100 रूपये डकार गया ।और मृतक एजाज का दूसरा जाब कार्ड संख्या 654 जो दिनांक 06/06/2020 से 19/08/2022 तक 59973 रुपये प्रधान मुहम्मद शफी का दूसरा नाती शीरोज आलम जिसकी जन्म तिथि 18/04/2010 मतलव 14 साल है बह मृतक एजाज का पैसा ककराला भारतीय स्टेट बैंक मे पैसा हस्तातरित करा लिया। इसी तरह उजमा प्रधान पुत्रबधु राशन डीलर है उनका भी जाब कार्ड 419 है अबतक 80986 रूपये झम्पू कर लिया । उन्होंने मनरेगा में कभी काम नहीं किया है फिर भी अलग-अलग तारीखों में मस्टररोल में नाम भरकर उसके नाम की मजदूरी निकाली गई है। जिन तारीखों में उसे मजदूरी करते दिखाया गया है। उन तारीखों में राशन वितरण हुआ है। उसमे राशनकाम किया है । देखते हैं अब इस योगी शासन काल में कहाँ तक कार्यवाही होसकती है

Related Articles

Back to top button