वाइएसआर तेलंगाना पार्टी की नेता वाइएस शर्मिला कांग्रेस में हुईं शामिल

नई दिल्ली। आंध्रप्रदेश में पार्टी को पुनजीर्वित करने की कसरत के तहत बड़ा दांव चलते हुए कांग्रेस ने वाइएसआर तेलंगाना पार्टी की नेता वाइएस शर्मिला को कांग्रेस में शामिल कर लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में शर्मिला को शामिल कर पार्टी ने सूबे में अपनी इस राजनीतिक पहल को बड़ी और गंभीर होने का संदेश देने की कोशिश की है।

शर्मिला भले ही अब तक तेलंगाना की राजनीति में सक्रिय रही हैं मगर कांग्रेस अब आंध्रप्रदेश में उन्हें उनके भाई मुख्यमंत्री जगनमोहन रेडडी के मुकाबले मोर्चा लेने के लिए उतारेगी। शर्मिला ने इस चुनौती के लिए तैयार होने के इरादे साफ करते हुए कहा कि कांग्रेस जो भी जिम्मेदारी उन्हें देगी वह उसे पूरी शिद्दत से निभाएंगी।

शर्मिला को गर्मजोशी के साथ कांग्रेस में शामिल किया गया
कांग्रेस का दामन थामने के साथ ही शर्मिला ने अपनी पार्टी वाइएसआर तेलंगाना पार्टी का कांग्रेस में विलय करने की भी घोषणा कर दी। कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पर अपने समर्थकों संग पहुंची शर्मिला को खरगे और राहुल ने पार्टी का पटका पहना कर गर्मजोशी के साथ कांग्रेस में शामिल किया। इसके बाद शर्मिला ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि कांग्रेस ही देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है क्योंकि यही देश के हर वर्ग के सभी लोगों को एकजुट करती है। इसलिए खुशी है कि वाईएसआर तेलंगाना पार्टी आज से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बनने जा रही है।

तेलंगाना चुनाव से पहले ही कांग्रेस में शामिल होने वाली थीं
अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री वाइएसआर रेड्डी को एक महान तेलगू नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने न केवल जीवन भर कांग्रेस की सेवा की बल्कि अपना जीवन भी दे दिया और उन्हें बहुत खुशी है कि उनकी बेटी उनके ही रास्ते पर चल कांग्रेस का हिस्सा बन रही है। शर्मिला तेलंगाना चुनाव से पहले ही कांग्रेस में शामिल होने वाली थीं लेकिन सूबे के सियासी मिजाज का ख्याल रखते हुए इसे टाल दिया गया था। इसके बाद शर्मिला ने तेलंगाना चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने की घोषणा की और पार्टी में शामिल होने के मौके पर कहा भी कि तेलंगाना की जीत में अपने योगदान से वे खुश हैं। शर्मिला ने इस मौके पर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की पैरोकारी करते हुए कहा कि राहुल को प्रधानमंत्री के रूप में देखना उनके पिता का सपना था और उन्हें इसमें योगदान देकर खुशी होगी।

सूबे में कांग्रेस का राजनीतिक ग्राफ शिखर से शून्य पर आ चुका है
आंध्रप्रदेश के बंटवारे के बाद जगनमोहन रेडडी के अलग पार्टी बनाने के साथ ही सूबे में कांग्रेस का राजनीतिक ग्राफ शिखर से शून्य पर आ चुका है। पिछले दो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी का खाता तक नहीं खुल पाया है। 25 सीटों वाले इस बड़े राज्य में पार्टी को पुनजीर्वित करने के लिए कांग्रेस को करिश्मे की जरूरत है और शर्मिला में पार्टी को वह संभावनाएं नजर आ रही हैं।

कांग्रेस शर्मिला को आंध्रप्रदेश में देगी बड़ी भूमिका
इसके मद्देनजर ही 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस शर्मिला को आंध्रप्रदेश में बड़ी भूमिका देगी। सियासी गलियारों में चर्चा तो यह भी है कि चाहे आंध्र में पार्टी को आने वाले चुनाव में खास कामयाबी नहीं मिले मगर दीर्घकालिक राजनीति के लिहाज से शर्मिला की अहमियत बनाए रखने की तैयारी है और इसके मद्देनजर यह संभावनाएं जताई जा रही हैं कि देर-सबेर उन्हें कर्नाटक से राज्यसभा का सदस्य भी बनाया जा सकता है।

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