जेल से भेजा पीड़िता को वीडियो, अदालत ने दी प्रतिक्रिया, कहा इससे बुरा और कुछ नहीं…

चंडीगढ़। पटियाला जेल में हत्या के मामले में अंडर ट्रायल कैदी की सेल्फी का मामला सामने आ गया है। इस पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि यह सत्य है तो इससे दुखद और कुछ नहीं हो सकता। यह फोटो शिकायतकर्ता ने आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सौंपी थी। हाईकोर्ट ने इस पर अब एडीजीपी जेल को विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

जमानत याचिका दाखिल करते हुए हत्या के मामले में आरोपी ने नियमित जमानत देने की मांग की थी। याची ने हिरासत की लंबी अवधि और इस मामले में भूमिका न होने की दलील दी थी। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता पक्ष ने हाईकोर्ट के समक्ष सोशल मीडिया पर मौजूद कुछ फोटो सौंपी। यह फोटो जेल में ली गई थी और इसमें आरोपी के साथ जेल में मौजूद अन्य कैदी भी थे।

कोर्ट ने एक फोटो में पाया कि कई कैदी इसमें मौजूद हैं, जिनके हाथ में मोबाइल फोन हैं। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार जेल में खुलेआम मोबाइल का इस्तेमाल हो रहा है और जेल प्रशासन हाथ पर हाथ रखे बैठा है। अंडर ट्रायल कैदी की इस प्रकार सोशल मीडिया पर फोटो होना व्यवस्था पर सवाल उठाता है। ऐसे में हाईकोर्ट ने अब इस मामले में पंजाब के एडीजीपी जेल को आदेश दिया है कि वे इस मामले और जेल में प्रतिबंधित वस्तुओं के इस्तेमाल को लेकर अगली सुनवाई पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करें।

जेल से वीडियो भेजने की अदालत को जानकारी दी गई
संगरूर की जेल में पोक्सो एक्ट में विचाराधीन कैदी की ओर से पीड़िता को मोबाइल से जेल का वीडियो भेजने की अदालत को जानकारी दी गई थी। सिंगल बेंच के समक्ष कैदी की नियमित जमानत याचिका विचाराधीन थी। जेल में कैदियों के मोबाइल इस्तेमाल को बेहद गंभीर मामला बताते हुए सिंगल बेंच ने इस मामले पर संज्ञान लिया था और इसे जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई के लिए भेजा था।

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